अबकी बार किसकी सरकार : आगरा लोकसभा सीट का ताज़ा हाल यहां जानें
सन 84 के बाद से अगर देखा जाए तो कांग्रेस दोबारा इस सीट पर वापसी नहीं कर पाई.
आगरा:
उत्तर प्रदेश में दलितों का गढ़ माने जाना वाला आगरा क्षेत्र लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी काफी अहम है. 2018 में देशभर में केन्द्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ दलितों की नाराजगी खुलकर सामने आई थी. SC/ST एक्ट को लेकर दलित केन्द्र सरकार से नाराज थे, जिसको लेकर देश में कई जगह प्रदर्शन भी हुआ. उत्तर प्रदेश की 80 सीटें चुनाव के लिहाज से अहम हैं, ऐसे में दलित वोटों को देखते हुए आगरा अहम हिस्सा है, आगरा आरक्षित सीट है. अभी तक ये सीट पिछले दो बार से भारतीय जनता पार्टी के रामशंकर कठेरिया के पास रही है, पर अब समीकरण कुछ यूँ कहते हैं.
किसे मिला है टिकट और क्यों
एक समय में आगरा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी, लेकिन पिछले करीब दो दशकों में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी या समाजवादी पार्टी ही जीत पाई है, सन 84 के बाद से अगर देखा जाए तो कांग्रेस दोबारा इस सीट पर वापसी नहीं कर पाई. 2009 और 2014 में यहां से पिछले दो बार से बीजेपी अपनी जीत दर्ज करा रही है, बीजेपी ने यहां से सांसद राम शंकर कठेरिया को जिताया, पर इस बार उनकी शिकायतों और उनकी कार्यप्रणाली को लेकर पार्टी ने टिकट काटकर यूपी में कैबिनेट मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल को दे दिया है. वहीं बसपा से मनोज सैनी जो आगरा के नहीं हैं मैदान में ताल ठोक रहे हैं. साथ ही कांग्रेस से प्रीता हरित चुनाव मैदान में हैं वो भी आगरा की नहीं है. लिहाजा इसका फायदा एसपी सिंह बघेल को मिल सकता है.
क्या है समीकरण
अगर समीकरणों की बात करें तो आगरा दलित और मुस्लिम वोटरों का गढ़ माना जाता है. यहां करीब 37 फीसदी वोटर दलित और मुस्लिम ही हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 18 लाख से अधिक वोटर थे, जिसमें 10 लाख पुरुष और 8 लाख महिला वोटर शामिल हैं. 2014 में यहां कुल 59 फीसदी मतदान हुआ था, इनमें 5161 वोट NOTA में गए थे.
आगरा लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें एतमादपुर, आगरा छावनी, आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर और जलेसर शामिल हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी.
2014 में चला भारतीय जनता पार्टी का जादू
2014 में भारतीय जनता पार्टी के रामशंकर कठेरिया ने प्रचंड जीत हासिल की थी. रामशंकर कठेरिया को यहां करीब 55 फीसदी वोट मिले थे, जबकि उनके सामने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ 26 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सामने पिछले प्रदर्शन को दोहराना एक चुनौती होगा, वो भी तब जब देशभर में दलित उनसे नाराज चल रहे हैं.
2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
रामशंकर कठेरिया, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 583716, 54.5 फीसदी
नारायण सिंह सुमन, बहुजन समाज पार्टी, कुल वोट मिले 283453, 26.5 फीसदी
महाराज सिंह ढांगर, समाजवादी पार्टी, कुल वोट मिले 134708, 12.6 फीसदी
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