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Lok Sabah Election 2019 : आइए जानते हैं हुड्डा के गढ़ रोहतक संसदीय क्षेत्र के बारे में

इस सीट पर अभी तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं, 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की 6 बार गैर कांग्रेस ने

Updated on: 12 Mar 2019, 09:52 AM

नई दिल्ली:

हरियाणा में लोकसभा सीट की संख्या 10 हैं. जिसमें रोहतक भी एक लोकसभा सीट है. यह सीट जाट बहुल क्षेत्र है. यहां सबसे पहले 1952 में चुनाव हुआ था. यहां अभी तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें 11 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. महज 6 बार गैर कांग्रेसी ने जीत दर्ज की. यहां से मौजूदा सांसद दीपेंद्र हुड्डा हैं. उन्होंने 2014 में बीजेपी उम्मीदवार ओमप्रकाश धनकड़ को भारी मतों से हराया था. दीपेंद्र हुड्डा यहां से लगातार तीन बार सांसद चुने गए हैं. इस सीट पर हुड्डा परिवार का ही कब्जा रहा है. दीपेंद्र हुड्डा के दादा रणबीर हुड्डा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा सांसद रह चुके हैं.

रोहतक संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

भारतीय जनता पार्टी इस सीट से नदारद ही रही है. संयोग से दो बार जनसंघ ने यहां से जीत दर्ज की थी. 1962 और 1971 के बाद यहां से भाजपा को कभी जीत नहीं मिली. 1962 में चीन और भारत के बीच युद्ध हुआ था और 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश का जन्म हुआ था. हालांकि 1999 में बीजेपी, भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करके गठबंधन को जीत मिली थी, लेकिन सांसद भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार बने थे. उसके बाद बीजेपी को जीत नसीब नहीं हूई. 2014 में मोदी लहर चला था, लेकिन इसके बावजूद दीपेंद्र हुड्डा को भाजपा हरा नहीं पाई. उसने भाजपा के प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था. 2009 के भी लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा ने 2014 से भी बड़ी जीत हासिल की थी.

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रोहतक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा

रोहतक संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. गढ़ी-सांपला-किलोई, महम, बादली, झज्जर, रोहतक, कलानौर, बहादुरगढ़, बेरी और कोशली हैं. जिसमें 5 पर कांग्रेस ने कब्जा किया. वहीं बीजेपी के खाते में भी 4 सीट नसीब हुई.

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रोहतक का इतिहास

रोहतक की स्थापना राजा रोहतास ने की था. 1952 से लेकर 2014 तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. जिसमें 11 बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है. वहीं गैर कांग्रेसी ने भी 6 बार जीत का मुंह देखा है. यहां से ज्यादातर सासंद जाट समुदाय के बने हैं. यह क्षेत्र जाट बहुल हैं. यहां ज्यादातर वोटर्स जाट हैं. 2005, 2009 और 2014 में लगातार तीन बार दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने जीत हासिल की है. जब वह पहली बार चुनाव जीते थे तो उसकी उम्र महज 27 साल थी. 

2014 का लोकसभा चुनाव

2014 के लोकसभा चुनाव में 15 लाख 67 हजार 5 सौ 4 लोगों ने वोट किया था. जिसमें 8 लाख 50 हजार 1 सौ 25 पुरुष और 7 लाख 17 हजार 3 सौ 79 महिलाओं ने मत का प्रयोग किया था.

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2019 लोकसभा चुनाव की स्थिति

बीजेपी इस बार इस सीट पर कमल खिलाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है. उसकी पूरी कोशिश है कि कांग्रेस के गढ़ वाले रोहतक सीट पर भाजपा के सांसद बने. कांग्रेस भी अपनी गढ़ बचाने के लिए सारी ताकतें झोंक दी है. देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भी भाजपा कमल खिला पाता है या नहीं