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JharkhandPoll: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन का चुनाव, जानिए झामुमो के इस नेता के बारे में

इस बार झामुमो-कांग्रेस-राजद महागठबंधन ने राज्य में साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. चुनाव में झामुमो 43 सीटों पर, कांग्रेस 31 सीटों पर और शेष 7 सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी. जिसमें हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.

Updated on: 18 Nov 2019, 12:31 PM

रांची:

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव होंगे. इस बार झामुमो-कांग्रेस-राजद महागठबंधन ने राज्य में साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. चुनाव में झामुमो 43 सीटों पर, कांग्रेस 31 सीटों पर और शेष 7 सीटों पर राजद चुनाव लड़ेगी. जिसमें हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. हेमंत सोरेन अभी झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. उम्मीद है कि इस चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुबर दास से उनका मुकाबला होगा. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं और मतदाताओं अपनी ओर आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. 

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हेमंत सोरेन की गिनती झारखंड के कद्दावर नेताओं में होती है. कुछ ही सालों के अंदर हेमंत सोरेन ने सियासत की बुलंदियों को छूने में कामयाबी हासिल की. 38 वर्षीय हेमंत झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन के बेटे हैं. हेमंत का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिले के सुदूर नेमरा गांव में हुआ था. हेमं सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को हुआ था. उनके दो बेटे निखिल और अंश हैं. जबकि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन निजी स्कूल की संचालक हैं. उनकी मां रूपी सोरेन उन्हें इंजीनियर बनाना चाहती थीं, लेकिन हेमंत ने 12वीं तक ही पढ़ाई की. उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला तो लिया मगर बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी. यहीं से उन्होंने अपने जीवन को राजनीति की तरफ मोड़ लिया. उन्होंने 2003 में छात्र मोर्चा की राजनीति शुरू की और फिर आगे ही बढ़ते चले गए.

हेमंत सोरेन 2009 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए. बाद में उन्होंने दिसंबर 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में संथाल परगना के दुमका सीट से जीत हासिल की और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. 2010 में भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा की सरकार बनी, तो समर्थन के बदले हेमंत सोरेने को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालांकि जनवरी 2013 को झामुमो की समर्थन वापसी के चलते बीजेपी के नेतृत्व वाली अर्जुन मुंडा की गठबंधन सरकार गिरी थी.

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इसी बीच लोकसभा चुनाव की भी गूंज सुनने लगी तो झारखंड में अपना फायदा देखते हुए कांग्रेस पार्टी झामुमो के साथ चली गई. यह गठबंधन एक समझौते के तहत बना, जो 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए था. शर्त थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 10 और झामुमो 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसी समझौते के तहत हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद मिला. 13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन ने झारखंड के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. 28 साल की उम्र में हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने. 

इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में बरहैट सीट पर हेमंत सोरेन ने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को 24087 वोटों से हराया था. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 31.3 फीसदी वोट के साथ 37 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) 3.7 फीसदी वोट के साथ 5 सीटें जीती थी. जबकि झामुमो 20.4 फीसदी वोट के साथ 19 सीटें, कांग्रेस 10.5 फीसदी वोट के साथ 7 सीटें और जेवीएम 10 फीसदी वोट के साथ 8 सीटें जीती थी. राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी बनने वाली झामुमो विपक्ष में रही और अभी सदन में हेमंत सोरेन नेता प्रतिपक्ष हैं. 

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