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Election 2019 : दिग्गज नेताओं के वो बिगड़े बोल जिनकी वजह से उनके प्रचार पर लगा बैन

ये नेता अब ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे

Updated on: 16 Apr 2019, 07:52 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के लिए दूसरे चरण की वोटिंग से पहले नेताओं के बोल बदलने लगे हैं. इस चुनावी महासंग्राम में आए दिन तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के बिगड़े बोल सुनने को मिल रहे हैं. चुनावी जनसभाओं और रैलियों में प्रचार के दौरान बेतुके और विवादित बयान दे रहे हैं. इतना ही नहीं ये चुनावों पर धार्मिक रंग भी चढ़ने लगा है. लेकिन अब ऐसे नेताओं पर चुनाव आयोग ने अपनी तलवार चला दी है.

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सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 4 दिग्गज नेताओं के चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया. इन नेताओं पर चुनाव आयोग का यह एक्शन आज सुबह 10 बजे से शुरू हो जाएगा. ये नेता अब ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे. देखिए किन नेताओं पर किस वजह से बैन लगा.

मायावती
चुनाव आयोग ने सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) पर कार्रवाई की. मायावती पर यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के देवबंद में मुस्लिम समुदाय से वोटों की अपील के लिए थी. बसपा प्रमुख ने देवबंद रैली में मुस्लिमों से वोटों के लिए अपील की थी. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना वोट बंटने ना दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें. इसी बयान को चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन माना और मायावती के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे के लिए बैन कर दिया.

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योगी आदित्यनाथ
बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ ही चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के खिलाफ सख्त कदम उठाया. योगी आदित्यनाथ पर यह कार्रवाई अली और बजरंगबली को लेकर दिए गए बयान पर की है. दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने मायावती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं. इसके बाद चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाए हुए योगी आदित्यनाथ पर भी 72 घंटे का बैन लगा दिया.

आजम खान
इस चुनावी महासमर में सबसे ज्यादा अमर्यादित टिप्पणी करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जुबान पर भी चुनाव आयोग ने अपनी तलवार चलाई है. आजम खान (Azam Khan) ने बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. आजम खान ने कहा था, 'जिसको हमने उंगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिनसे अपना प्रतिनिधित्व कराया...उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैंने 17 दिन में पहचान गया कि इनकी ..... खाकी रंग का है.'

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ये कोई पहला मामला नहीं था, जब आजम खान ने जया प्रदा को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया हो. इससे पहले भी आजम खान ने जया प्रदा को एक नाचने वाली बताया था. आजम खान की इन गुस्ताखियों से खफा चुनाव आयोग ने उन पर 48 घंटे का बैन लगा दिया है. अब आजम खान ना तो चुनावी रैली कर सकते हैं, ना कोई राजनीतिक बयान दे सकते हैं और ना ही कोई ट्वीट कर सकते हैं.

मेनका गांधी
आचार संहिता का उल्लंघन करने पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (Menka Gandhi) पर भी चुनाव आयोग ने 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है. दरअसल, मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में चुनावी अभियान के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों को वोट नहीं देने पर देख लेने की धमकी दी थीं.

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बता दें कि नेताओं के इन विद्वेष फैलाने वाले भाषणों का सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी. अदालत की तरफ से कहा गया कि आयोग ने अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा है. इसके बाद चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया.