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प्रियंका गांधी की 'शख्सियत' को ले डूबा इस शख्स का 'अक्स'

आर्थिक घोटाले के आरोप झेल रहे रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में खड़े होना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को बहुत भारी पड़ा. पूर्वी उत्तर प्रदेश तो दूर रहा, वह अपने भाई औऱ कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की अमेठी सीट भी नहीं बचा सकीं.

Updated on: 25 May 2019, 12:24 PM

नई दिल्ली.:

हर सफल पुरुष के पीछे किसी न किसी महिला का हाथ होता है...वाली लोकप्रिय उक्ति इस लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बदल सकती है. राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को बतौर ब्रह्मास्त्र उतारने के बावजूद अगर कांग्रेस जरा सा भी जादू पैदा नहीं कर सकी है, तो इसकी एक बड़ी वजह प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert vadra) हैं. उन पर लगे घोटालों के आरोप (Corruption Charges) और ढाल की तरह प्रियंका का उनके साथ खड़ा होना. यही नहीं, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बदले की भावना से काम करना जैसा आरोप भी एक बड़ी वजह बने हैं. वास्तव में प्रियंका के रॉबर्ट वाड्रा को लेकर अपनाए गए स्टैंड का गलत संदेश जनमानस में गया, नतीजतन सिर्फ चुनावी समय में ही अमेठी औऱ रायूबरेली पहुंचकर भारी जीत की इबारत लिखने में माहिर प्रियंका गांधी वाड्रा 17वीं लोकसभा चुनाव में प्रभावहीन साबित हुईं.

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पदभार लेने से पहले पति संग ईडी ऑफिस पहुंचीं
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस वक्त प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा की, उस समय वे अमेरिका में थीं. तय तारीख पर भारत लौटने वाले दिन रॉबर्ट वाड्रा की ईडी (ED Hearing) के समक्ष पेशी थी और उसी दिन प्रियंका गांधी को महासचिव पद का पदभार लेना था. इधर कांग्रेस मुख्यालय में उत्साही कांग्रेसी कार्यकर्ता प्रियंका गांधी का इंतजार कर रहे थे, उधऱ एक ही गाड़ी में प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा ईडी के ऑफिस पहुंचे. रॉबर्ट को ईडी ऑफिस में उतारने के बाद प्रियंका कांग्रेस मुख्यालय पहुंची. इस पर मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि इस तरह प्रियंका ने पति के साथ हर हाल में खड़े रहने का संदेश दिया है, क्योंकि केंद्र की बीजेपी सरकार बदले की भावना (Witch Hunting) से कार्रवाई कर रही है.

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करेला वह भी नीम चढ़ा की तर्ज पर रॉबर्ट भी नहीं रहे पीछे
इसके बाद कई मौकों पर प्रियंका गांधी अपने पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर रैलियों औऱ सभाओं में भावुक (Emotional) हुईं. वह भी तब जब ईडी सबूत दर सबूत रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ अपना शिकंजा कड़ा करता जा रहा था. प्रियंका ने भी कई बार अपने पति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PrimeMinister Narendra Modi) पर निशाना साधा. हद तो तब हो गई जब प्रियंका के सुर में सुर मिलाते हुए रॉबर्ट वाड्रा भी बीजेपी खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने लगे. मसला चाहे बीजेपी के संस्थापक नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी (Lalkrishna Advani) का हो या फिर खान मार्केट गैंग पर पीएम मोदी की टिप्पणी का. इससे आम जनता में संदेश गया कि किसानों की जमीन कम कीमत में लेने, लंदन में आलीशान फ्लैट खरीदने और हथियार कारोबारियों से संबंध रखने वाला शख्स पीएम पर हमले कर रहा है और प्रियंका उसका पक्ष ले रही हैं.

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चौकीदार चोर है भी पड़ा महंगा
इस बात ने प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रभाव को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई. प्रियंका गांधी के सामने बच्चों से 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाए गए और वह हंसती रहीं. इन सब बातों से पीएम मोदी के आरोपों को बल मिलता गया कि कांग्रेस भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय देकर वंशवाद को बढ़ावा देना वाली पार्टी है. अमेठी (Amethi) में भी प्रियंका जब तक सक्रिय होतीं, तब तक बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी अपने कामों के बल पर जीत की बुनियाद रख चुकी थीं. उसके बाद वहां उनके बयानों ने भी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने का काम किया.

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नहीं समझा सकीं कांग्रेस का एजेंडा
इसके अलावा प्रियंका गांधी यूपी की जनता को कांग्रेस का एजेंडा (Congress Agenda) समझाने में भी कामयाब नहीं रहीं. वह एक भी काम न होने का आरोप तो बीजेपी पर मढ़ती रहीं, लेकिन यह नहीं बता सकी कि राहुल गांधी अमेठी का मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाए. क्यों कर अमेठी में रोजगार (Employment) देने और इसके बल पर उसकी वैश्विक पहचान बनाने में कांग्रेस असफल रही. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि प्रियंका हर चुनावी मौसम में सिर्फ अमेठी और रायबरेली में ही अवतरित होती थीं. इस कारण वह लोगों में विश्वास जगाने में भी सफल नहीं हो सकीं. इस तरह प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय राजनीति में कदम रखते ही अस्तित्व के खतरे की कगार पर आ खड़ी हुईं.

  • ईडी ऑफिस साथ-साथ जाना, रैलियों में रॉबर्ट वाड्रा के लिए भावुक होना पड़ गया भारी.
  • जनता जनार्दन को पीएम मोदी की बात में यकीन आने लगा कि कांग्रेस वंशवाद की पोषक है.
  • रही सही कसर रॉबर्ट वाड्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर पूरी कर दी.