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Rahul Gandhi Exclusive: 'चौकीदार चोर है' पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी थी माफी, जानें क्या थी वजह

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में जो भी है, जो भी इसमें आया है. वह जनता से पूछ कर आया है. चाहे वह किसानों की बात हो, मजदूरों की बात हो. न्याय योजना 3 लाख 60 हजार रुपए पांच साल में. 72 हजार रुपए साल में. नरेंद्र मोदी ने 15 लाख रुपए का झूठ बोला. नरेंद्र मोदीजी से पूछिए 15 लाख का क्या हुआ?

Updated on: 13 May 2019, 11:49 PM

नई दिल्ली:

हमारे सहयोगी चैनल न्यूज नेशन पर इंटरव्यू के दौरान जब राहुल गांधी से सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला है. मैंने माफी मांगी है. मैंने उनकी प्रोसेस को एक दिशा दे दी. मैंने कहा था कि 'अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि देश का चौकीदार चोर है', इसके लिए मैंने माफी मांगी है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा था. हालांकि राफेल में चोरी हुई है, उसके लिए मैंने माफी नहीं मांगी है. राफेल में चोरी हुई है और शत प्रतिशत नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी ने की है.

इसके अलावा ही राहुल गांधी ने कहा कि राफेल हिंदुस्तान का सबसे बड़ा रक्षा सौदा है. फिर नरेंद्र मोदीजी जांच से क्यों डर रहे हैं. समझिए. अगर नरेंद्र मोदीजी ने चोरी नहीं की होती तो कहते, ताल ठोंककर कहते 5 मिनट में जांच करा रहा हूं. कहते कुछ गलत नहीं हुआ है. मतलब नरेंद्र मोदी तीन साल से न मेरे साथ डिबेट करेंगे. न जांच करेंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी देश के चौकीदार ने चोरी की है.

बता दें कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों एक बार फिर "चौकीदार चोर है" वाले बयान पर माफी मांगी थी. इस संबंध में उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को नया हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांग ली है. अवमानना मामले में हलफनामा दाखिल कर राहुल गांधी ने कहा- गलती से पार्टी का राजनीतिक नारा कोर्ट के आदेश के साथ मिलाकर बोल दिया था. इससे पहले के हलफनामे में राहुल ने गलती के लिए सिर्फ 'खेद' जताया था. 

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि राफेल विमान सौदा मामले में आपराधिक जांच के लिए उनकी याचिका खारिज करने संबंधी दिसंबर, 2018 का शीर्ष अदालत का निर्णय रद्द किया जाए. इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के मामले में 14 दिसंबर, 2018 के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकाओं पर करीब दो घंटे तक संबंधित पक्षों को सुना और कहा कि इस पर निर्णय बाद में सुनाया जाएगा.