PHOTOS : प्रचंड जीत के बाद भी शिष्टाचार नहीं भूले पीएम मोदी, जानकर आपको भी होगा गर्व
पीएम मोदी से हर किसी को संस्कार सीखनी चाहिए, लोगों ने इसको लोकतंत्र की सबसे खूबसूरत तस्वीर मानी है
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. यह जीत 2014 से भी बड़ी है. 2014 में बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं. वहीं इस बार बीजेपी ने ट्रिपल सेंचुरी मार दी है. जहां बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाया वहीं बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए को 350 से ज्यादा सीटें मिली. पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी दोबार सरकार बना रही है. इतने प्रचंड जीत के बावजूद पीएम मोदी के दिल में जरा सी घमंड नहीं है. उनके संस्कार से हर किसी को सीख लेनी चाहिए. कद चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाए, लेकिन अपने बुजुर्गों का सम्मान करना कोई पीएम मोदी से सीखें. प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने दोनों नेताओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. जब पीएम मोदी ने आडवाणी और जोशी के पैर छुए तो इस तस्वीर को खूब सराहा गया. इसे लोकतंत्र की सबसे खूबसूरत तस्वीर की उपाधि दी गई.
शनिवार को सेंट्रल हॉल में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करने पहुंचे थे. सबसे पहले प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. नामांकन भरने से पहले पीएम मोदी ने वाराणसी में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था.
पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल में भी लालकृष्ण आडवाणी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. आडवाणी को टिकट नहीं देने पर विपक्ष समेत कई लोगों ने पीएम पर निशाना साधा था. बुजु्र्गों का अपमान करने का आरोप भी लगाया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसे चुनावी मुद्दा बनाया था. पीएम मोदी को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. लेकिन विपक्ष समेत सभी लोगों को पीएम मोदी ने जवाब दे दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी यह जबर्दस्त जीत इसलिए दोहरा पाई क्योंकि आडवाणी जैसी महान शख्सियत ने दशकों तक पार्टी को खड़ा किया और लोगों को एक नया नरेटिव दिया.
सेंट्रल हॉल में पीएम मोदी ने मुरली मनोहर जोशी के पैर छुए. उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया. पीएम मोदी ने मुरली मनोहर जोशी की तारीफ करते हुए कहा कि डॉ. मुरली मनोहर जोशी स्कॉलर और बुद्धिमान हैं. भारतीय शिक्षा पद्धति में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उन्होंने बीजेपी और कई कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाने के लिए काम किया. इन कार्यकर्ताओं में मैं भी शामिल हूं. उनसे सुबह मुलाकात की और उनकी दुआ मांगी.
मंच पर संबोधन करने से पहले पीएम मोदी ने संविधान के सामने सिर झुकाकर नमन किया. विपक्ष समेत सभी लोगों को कड़ा संदेश दिया. 2014 में जीत के बाद जब पीएम मोदी सबसे पहले संसद भवन जा रहे थे तो चौखट पर माथा टेका. उन्होंने कहा कि यह संसद मेरे लिए मंदिर है और संविधान उसके ग्रंथ.
विपक्ष हमेशा यह आरोप लगाता रहा है कि मोदी ने संविधान को बर्बाद कर दिया है. इसका पालन सही से नहीं किया जा रहा है. सेंट्रल एजेंसी को ध्वस्त कर दिया है. लेकिन पीएम मोदी की यह तस्वीर सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उनके अनुसार बीजेपी संविधान का अपमान नहीं बल्कि सम्मान करती है.
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