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हमें बीजेपी में पहले दिन से सिखाया जाता है, स्वयं से बड़ा दल और दल से बड़ा देश: पीएम मोदी

आजादी से लेकर साल 2006 तक यानि 60 साल में बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया था.

Updated on: 12 Jan 2019, 11:12 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित राष्‍ट्रीय अधिवेशन में भारी जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में कहा, देश के इतिहास में पहली बार हथियार सौदे के बिचौलिए को पकड़ कर भारत लाया गया है. हमने धीरे-धीरे कांग्रेस के तरीके से लोन मिलने पर पाबंदी लगा दी और ऐसे लोगों से लोन का रकम वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी. अगर हम बैंक की सच्चाई को लेकर आपके सामने आ जाते, तो देश की अर्थव्यवस्था का क्या होता? बैंकों में गरीब के पैसे को लोन में इस्तेमाल कर उन्हें बेहाल, बदहाल और कंगाल कर दिया जाता था.

प्रधानमंत्री ने कहा, अगर आपने कांग्रेस प्रॉसेस से लोन लिया था, तो आपको एक लोन को चुकाने के लिए दूसरा लोन फिर तीसरा लोन मिलता था. पहले लोन लेने के लिए कांग्रेस के नामदार की जरूरत होती थी. यह काम ऐसा होता था कि एक कॉमन तरीके से लोन मिलता था और दूसरा तरीका था कांग्रेस प्रॉसेस. कॉमन प्रोसेस में आपको लोन नियम से मिलता था और कांग्रेस प्रॉसेस में उनके घोटालेबाज दोस्तों को लोन देने के लिए बैंक को मजबूर किया जाता था.

पीएम बोले- आजादी से लेकर साल 2006 तक यानि 60 साल में बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया था. लेकिन 2008 से लेकर 2014 तक सिर्फ 6 साल में लोन का आंकड़ा बढ़कर 52 हजार करोड़ रुपये हो गया. पहले जनता का धन प्राइवेट संपत्ति बन गई थी. जिनके पास जनता के पैसों की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वही उसे लुटाने में लग गया था. देश की अर्थव्यवस्था तेजी से मजबूत हो रही है और पारदर्शिता की तरफ बढ़ रही है. ये वही लोग हैं, वही धरती है, वही आसान है.. लेकिन धरती से आसमान तक बदल रहा है. कितने बड़े पैमाने पर पहले की सरकारों का पता था कि देश का पैसा बर्बाद हो रहा था लेकिन कुछ नहीं किया गया. पहले शौचालय बनाने में भी दलाली होती थी.

पीएम ने कहा, जिस रफ्तार से पहले शौचालय बन रहे थे उस हिसाब से अगला दशक भी सिर्फ उसी में चला जाता. हमने पूरा प्रयास किया है कि देश के लोगों का जीवन और आसान बने. शोषितों, वंचितों और गरीबों को उनका अधिकार मिले. देश को आगे बढ़ाने में हमारी जो कमियां थी, उसे दूर करने का हमने बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है. हमें बीजेपी में पहले दिन से सिखाया जाता है- स्वंय से बड़ा दल और दल से बड़ा देश. देश के सैंकड़ों अस्पताल, एयरपोर्ट संस्थाए अभी भी पिछले नामों पर ही चल रही है. मैं पूछना चाहता हूं कि कितनी परियोजनाओं के आगे मेरा नाम जुड़ा हुआ है. विरोधी दल आरोप लगाते है कि सिर्फ योजनाओं के नाम बदले हैं लेकिन योजना वही पुरानी है.