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2019 चुनाव विश्लेषण: 2014 के बाद कैसा रहा हरियाणा का राजनीतिक समीकरण, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट

2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस और INLD को हराकर हरियाणा में 7 सीटें जीतीं. राज्य में कुल 10 संसदीय सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जबकि आईएनएलडी ने बाकी की दो सीटों पर कब्जा कर लिया.

Updated on: 12 Feb 2019, 04:17 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) को लेकर राजनीतिक पारा धीरे-धीरे उबाल मारने लगा है. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) मार्च के पहले सप्ताह में ही चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. लोकसभा 2019 को देखते हुए हम चुनावों के लिए कमर कस रहे हैं और इसके लिए एक विशेष श्रृंखला लेकर आ रहे हैं जिसका नाम है चुनाव विश्लेषण 2019. इस श्रृंखला में हम आज हरियाणा (Haryana) की राजनीति पर चर्चा करेंगे. हरियाणा में बीते लोकसभा चुनाव 2014 (Loksabha Elections 2014) में क्या हुआ था, आइए एक नजर डालते हैं हरियाणा राज्य में राजनीतिक परिदृश्य पर-

2014 से भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में शासन कर रही है. 2014 में विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) राज्य के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने. कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) की हरियाणा जनहित कांग्रेस (Haryana Janhit Congress) के साथ गठबंधन कर बीजेपी ने हरियाणा में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और राज्य में अधिकतम सीटें जीती थीं. हालांकि, पार्टी ने HJC के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया और हरियाणा विधानसभा अकेले लड़ा. कांग्रेस (Congress) और ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) राज्य की अन्य दो महत्वपूर्ण पार्टियां हैं. आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें.

हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2014 का समीकरण


2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस और INLD को हराकर हरियाणा में 7 सीटें जीतीं. राज्य में कुल 10 संसदीय सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जबकि आईएनएलडी (Indian National Lok Dal) ने बाकी की दो सीटों पर कब्जा कर लिया. हरियाणा में 2014 के लोकसभा चुनाव 10 अप्रैल को हुए थे. बीजेपी को 39,93,527 वोट मिले, जो कुल वोटों का 34.84 प्रतिशत था. जबकि कांग्रेस 22.99 प्रतिशत वोटों के साथ राज्य में 26,34,905 वोट हासिल करने में सफल रही थी. INLD को 24.43 फीसदी वोट शेयर के साथ 27,99,899 वोट मिले. बीजेपी की सहयोगी एचजेसी (HJC) ने सीट साझा समझौते के अनुसार 2 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे 7,03,698 वोट (6.14 प्रतिशत) मिले. हालांकि, पार्टी ने चुनावों में उसके प्रमुख कुलदीप बिश्नोई अपनी ही सीट से चुनाव हार गए.

हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2014 में बीएसपी (BSP) ने भी चुनाव लड़ा. बीएसपी को हरियाणा में लोकसभा चुनाव में 4.60 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी ने अंबाला (AMBALA), करनाल (KARNAL), सोनीपत (SONIPAT), भिवानी-महेंद्रगढ़ (BHIWANI-MAHENDRAGARH), कुरुक्षेत्र (KURUKSHETRA), गुड़गांव (GURGAON) और फरीदाबाद (FARIDABAD) सीट अपने नाम किए. तो वहीं कांग्रेस ने रोहतक (ROHTAK) में अपना दबदबा बरकरार रखा, जबकि इनेलो ने सिरसा (SIRSA) और हिसार (HISAR) लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. 2014 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले बड़े चेहरों में राव इंद्रजीत सिंह (RAO INDRAJIT SINGH) (बीजेपी-गुड़गांव), कृष्ण पाल गुर्जर (KRISHNA PAL GURJAR) (बीजेपी-फरीदाबाद), अश्विनी कुमार चोपड़ा (ASHWINI KUMAR CHOPRA) (बीजेपी-करनाल), दीपेंद्र सिंह हुड्डा (DEEPENDRA SINGH HOODA) (कांग्रेस-रोहतक) और दुष्यंत चौटाला (DUSHYANT CHAUTALA) (आईएनएलडी-हिसार) शामिल थे. तो वहीं दूसरी ओर कुलदीप बिश्नोई (KULDEEP BISHNOI) (HJC), नवीन जिंदल (NAVEEN JINDAL (कांग्रेस), अशोक तंवर (ASHOK TANWAR) (कांग्रेस), अवतार सिंह भड़ाना (AVATAR SINGH BHADANA) (कांग्रेस), श्रुति चौधरी (SHRUTI CHAUDHARY) (कांग्रेस), ओम प्रकाश धनखड़ (OM PRAKASH DHANKHAR) (बीजेपी), आर. के. आनंद (RK ANAND) (INLD), जाकिर हुसैन (ZAKIR HUSSAIN) (INLD), योगेंद्र यादव (YOGENDRA YADAV) (AAP), नवीन जयहिंद (NAVEEN JAIHIND) (AAP) और अरविंद कुमार शर्मा (ARVIND KUMAR SHARMA) (कांग्रेस) जैसे दिग्गज और बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे.

हरियाणा विधानसभा 2014 के ऐसे थे नतीजे
मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपनी सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर (MANOHAR LAL KHATTAR) ने राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला. कांग्रेस लगातार दो कार्यकाल के बाद चुनाव हार गई और आईएनएलडी 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा. भगवा पार्टी (बीजेपी) को 33.20 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 41,25,285 वोट मिले. पार्टी ने 90 सदस्यीय मजबूत विधानसभा में 47 सीटें जीतीं और लोकसभा चुनाव वाले अपने प्रदर्शन को दोहरा दिया.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 20.58 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 25,57,940 वोट मिले और उसने 15 सीटें जीतीं. INLD ने कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया और 24.11 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 29,96,203 वोट हासिल किए. HJC ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया और केवल 2 सीटें जीतीं और 4,43,444 वोट (3.57 प्रतिशत) प्राप्त किए.

2019 में कैसा होगा हरियाणा का राजनीतिक परिदृश्य
सत्तारूढ़ बीजेपी 2019 में हरियाणा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों का सामना करेगी. पार्टी ने हाल ही में हुए जींद उपचुनाव में जीत दर्ज की और इनेलो से सीट छीन ली. ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली पार्टी दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह चौटाला (DIGVIJAY SINGH CHAUTALA) के पार्टी से अलग होने और चौटाला परिवार (CHAUTALA FAMILY) में जबरदस्त कलह के कारण जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन करने के बाद बड़ी मुश्किल में है. हालांकि जींद उपचुनाव (JIND BYPOLL) में नवगठित जेजेपी दूसरे स्थान पर रही और उसे इनेलो और कांग्रेस से अधिक वोट मिले. भाजपा ने अपने इतिहास में पहली बार जींद सीट जीती. उपचुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़ी निराशा थी जिसने प्रमुख नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (RANDEEP SINGH SURJEWALA) को मैदान में उतारा. इनेलो ने राज्य में मायावती (MAYAWATI) के नेतृत्व वाली बसपा (BAHUJAN SAMAJ PARTY) के साथ गठबंधन किया, लेकिन बाद में बसपा ने चौटाला परिवार में हुए अलगाव की वजह से गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया. जींद उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को भी विद्रोह का सामना करना पड़ा. कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी (RAJKUMAR SAINI) ने अपनी पार्टी लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (Loktantra Suraksha Party) की स्थापना की और जींद उपचुनाव लड़ा. पार्टी चुनाव हार गई लेकिन उसे 13,000 से अधिक वोट मिले. एलएसपी ने अब बीएसपी के साथ गठबंधन किया. जबकि हरियाणा में AAP, JJP और BSP के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी ने हरियाणा के पांच शहरों में हुए महापौर चुनावों में भी गजब प्रदर्शन किया और पानीपत, करनाल, रोहतक, यमुनानगर और हिसार को जीत लिया. रोहतक को कांग्रेस के दिग्गज और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (BHUPENDRA SINGH HOODA) का गढ़ माना जाता है. आगामी लोकसभा चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने के लिए बीजेपी पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग (VIRENDER SEHWAG) और सूफी गायक हंस राज हंस (HANS RAJ HANS) को क्रमश: रोहतक और सिरसा लोकसभा सीटों से मैदान में उतार सकती है. इस बीच, इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने हाल ही में संकेत दिया कि उन्हें भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करने के विचार में नहीं है.

हरियाणा में न्यूज़ नेशन ओपिनियन पोल का फैसला क्या है?
न्यूज नेशन ओपिनियन पोल (NEWS NATION OPINION POLL) के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 30 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. कांग्रेस को 29 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि इनेलो को 15 फीसदी वोट शेयर मिलने की संभावना है. नवगठित जेजेपी को 12 फीसदी वोट मिल सकते हैं. बीजेपी 5 सीटें जीत सकती है, कांग्रेस 3 सीटें जीत सकती है, तो वहीं इनेलो और जेजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में 1-1 सीट मिलने की संभावना है.