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त्रिशंकु नतीजे आने पर राष्ट्रपति हमें सरकार बनाने का मौका दें : क्षेत्रीय विपक्ष पार्टी

क्षेत्रीय विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति को पत्र सौंपने का लिया फैसला, पत्र में कांग्रेस शामिल नहीं

Updated on: 22 May 2019, 11:39 PM

नई दिल्ली:

बस कुछ ही घंटों में आपके सामने देश के सबसे बड़े चुनाव के नतीजे सामने होंगे. लोकसभा चुनाव के सातों चरण के मतदान खत्म हो चुके हैं. मतों की गिनती 23 मई को होगी. सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू हो जाएगी. 19 मई को एग्जिट पोल आ गया था. जिसमें बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की सरकार बनती दिखाई जा रही है. न्यूज नेशन के एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए को 282 से 290 सीटें मिलने की उम्मीद है. लेकिन वहीं क्षेत्रीय विपक्षी पार्टी यह अनुमान लगा रहे हैं कि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा. यह त्रिशंकु लोकसभा के नतीजे की स्थिति बनेगी.

राष्ट्रपति को सौंपेंगे पत्र 

क्षेत्रीय विपक्षी पार्टी ने राष्ट्रपति को पत्र सौंपने का फैसला किया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपे जाने वाले इस पत्र पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, बहुजन समाजपार्टी के नेता सतीश मिश्रा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता प्रफ्फुल पटेल और डीएमके सुप्रीमो स्टालिन के दस्तखत हैं. बता दें कि कांग्रेस इसमें शामिल नहीं है.

क्या खास है इस पत्र में

विपक्षी पार्टियों ने पत्र में कहा है कि नतीजों के ऐलान के बाद जब 17वीं लोकसभा के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा तो हमें भी सरकार बनाने के लिए 272 सदस्यों की सूची सौंपने का मौका दिया जाए. लिहाजा हमारे अनुरोध पर विचार किया जाए. 543 सदस्यों वाली लोकसभा में सरकार बनाने के लिए 272 सीट की जरूरत पड़ती है. विपक्षी पार्टियों ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि कर्नाटक जैसी स्थिति न बने. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि खंडित जनादेश की स्थिति में किसे सरकार बनाने का न्योता मिलना चाहिए. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह राष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है कि वह सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देते हैं या साथ मिलकर चुनाव लड़ रहीं पार्टियों के गठबंधन को.