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लगातार उठापटक देखती रही है झारखंड के मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

सन 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बिहार को दो हिस्सों में बांट दिया. एक हिस्सा बिहार ही रहा वहीं दूसरा हिस्सा झारखंड के रूप में जाना गया. नया राज्य के बनने के साथ ही वहां पर राजनीति भी बेहद तेज हो गई.

Updated on: 22 Nov 2019, 03:02 PM

लखनऊ:

सन 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बिहार को दो हिस्सों में बांट दिया. एक हिस्सा बिहार ही रहा वहीं दूसरा हिस्सा झारखंड के रूप में जाना गया. नया राज्य के बनने के साथ ही वहां पर राजनीति भी बेहद तेज हो गई. झारखंड मुक्ति मोर्चा, बीजेपी, कांग्रेस सभी दलों के लिए एक नई जमीन का उदय हो गया था.

2019 में 5वीं विधानसभा का चुनाव है. अभी तक चार विधानसभा चुनाव झारखंड (Past Jharkhand Results) ने देखे हैं. झारखंड में 6 मुख्यमंत्रियों ने अब तक सरकार चलाई है. इनमें से कई दो बार भी सीएम बने. 19 सालों में झारखंड ने कई बार राषट्रपति शासन भी देखा. 19 सालों में 2014 में गठित विधानसभा ऐसी रही है जो अपना कार्यकाल पूरा कर पाई है. जिसमें रघुबर दास मुख्यमंत्री रहे.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री

  • बाबुल मरांडी (Babulal Marandi)
  • अर्जुन मुंडा (Arjun Munda)
  • शिबू सोरेन (Shibu Soren) 
  • मधु कोड़ा (Madhu Koda)
  • हेमंत सोरेन (Hemant Soren)
  • रघुबर दास (वर्तमान)

सन 2000 में बाबुल मरांडी (Babulal Marandi) सबसे पहले मुख्यमंत्री बने. 15 नवंबर सन 2000 में उन्होंने सीएम का पदबार ग्रहण किया. 18 मार्च 2003 तक वह सीएम रहे. 18 मार्च 2003 को अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) मुख्यमंत्री बने. वह 1 साल 11 महीने तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

दूसरी विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन (Shibu Soren) 2 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री बने और सिर्फ 10 दिनों तक ही अपने पद पर रहे. इसके बाद 12 मार्च को अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) का कार्यकाल 12 मार्च 2015 से शुरु हुआ और 19 सितंबर 2006 तक रहा. 19 सितंबर 2006 से निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा (Madhu Koda) मुख्यमंत्री बने और 27 अगस्त 2008 तक अपने पद पर रहे.

27 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन (Shibu Soren) को फिर से एक बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला लेकिन 4 महीने 23 दिन के कार्यकाल के बाद झारखंड में पहला राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. 19 जनवरी 2009 से 30 दिसंबर 2009 तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ.

तीसरी विधानसभा के जब चुनाव हुए तब भी झारखंड में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. 30 दिसंबर 2009 को शिबू सोरेन (Shibu Soren) एक बार फिर मुख्यमंत्री बने लेकिन वह हर बार की तरह अपने कार्यकाल का छह महीने भी नहीं बिता पाए. 1 जून 2009 को राज्य में फिर से राष्ट्रपति शासन लग गया.

3 महीने 10 दिन के बाद बीजेपी के अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) 11 सितंबर 2010 को फिर मुख्यमंत्री बने. 2 साल 4 महीने और 7 दिन के कार्यकाल के बाद राज्य में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लगा. 13 जुलाई 2013 को शिबू सोरेन (Shibu Soren) के बेटे हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सीएम बने और 28 दिसंबर 2014 तक वह इस पद पर रहे. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) केंद्र में पहुंच गए थे. 2014 में जब चुनाव हुआ तो बीजेपी को बहुमत मिला. जिसके बाद रघुबर दास को सीएम पद मिला.