logo-image

चुनाव के दौरान फैलने वाली अफवाहों पर रहेगी WhatsApp की नजर, सर्विस लॉन्च

प्रोटो का लक्ष्य इस प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली सीख को इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट को मुहैया करवाना है ताकि दूसरे संस्थान भी ऐसे प्रोजेक्ट कर सकें.

Updated on: 02 Apr 2019, 05:22 PM

नई दिल्‍ली:

वॉट्सऐप (WhatsApp) ने भारत में मंगलवार को एक सर्विस लॉन्च की. इसके जरिए 20 करोड़ उपभोक्ता देश में चुनाव से जुड़ी गलत सूचना, अफवाह  या फेक न्यूज (Fake News) के प्रति लोगों को आगाह कर सकेंगे. 'प्रोटो' (PROTO) नाम के एक मीडिया स्किलिंग स्टार्ट-अप टिपलाइन ने इसे तैयार किया है. इसमें चुनाव के दौरान फैलने वाली अफवाहों का डाटाबेस (Data Base) तैयार होगा, जिससे इन मामलों का अध्ययन किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली और मुंबई को पछाड़ झारखंड का ये शहर निकला 4G में सबसे आगे

भारतीय यूजर्स वॉट्सऐप (WhatsApp) के चेकपाइंट टिपलाइन पर इन गलत सूचनाओं को पोस्ट कर सकेंगे. इसका नंबर +91-9643-000-888 है. प्रोटो का लक्ष्य इस प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली सीख को इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट को मुहैया करवाना है ताकि दूसरे संस्थान भी ऐसे प्रोजेक्ट कर सकें.इसके अनुसार जब कभी वॉट्सऐप यूजर किसी भी संदिग्ध संदेश को टिपलाइन के साथ साझा करेगा तो प्रोटो वेरिफिकेशन सेंटर के द्वारा यूजर को सूचित किया जाएगा कि संदेश में किया गया दावा सही है या नहीं?

यह भी पढ़ेंः क्या है LEO Satellite System, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

वॉट्सऐप ने बताया कि सेंटर इन अफवाहों से जुड़े वीडियो लिंक, फोटो, टेक्स्ट आदि की जांच कर सकता है. फिलहाल हिंदी, बंगाली, तेलुगु और मलयालम के साथ अंग्रेजी इसमें शामिल है.डिग डीपर मीडिया और मीडान दुनिया के कुछ देशों में गलत सूचनाओं से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः 6 महीने+24 घंटे काम+100 वैज्ञानिक= मिशन शक्ति, जानें इस मिशन के पीछे का पूरा सच

भारत के लिए प्रोटो को तैयार करने में इनकी मदद ली जा रही है. प्रोटो के संस्थापक रित्विज पारीख और नस्र उल हदी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वॉट्सऐप पर गलत सूचनाओं के तथ्यों का अध्ययन करना है. डिग डीपर मीडिया के सीईओ फरगुस बेल ने कहा कि इस प्रयास से होने वाला शोध उन लोगों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करेगा जो गलत सूचनाओं को अपने स्तर पर संभालना चाहते हैं.