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तेज प्रताप ने खुद को बताया दूसरा लालू, कहा- घटिया लोग डरे हुए हैं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंच से बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को बोलने का मौका नहीं मिलने पर वह एक बार फिर नाराज हो गए हैं.

Updated on: 16 May 2019, 10:51 PM

highlights

  • तेज प्रताप ने खुद को बताया दूसरा लालू
  • मंच पर बोलने का नहीं मिला मौका तो भड़के तेजप्रताप
  • राहुल गांधी से करेंगे शिकायत 

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंच से बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को बोलने का मौका नहीं मिलने पर वह एक बार फिर नाराज हो गए हैं. उन्होंने गुस्से में यहां तक कह दिया कि बिहार में यही सब कारण है कि कांग्रेस का अस्तित्व नहीं है. तेजप्रताप ने कहा, 'महागठबंधन को बड़ी लड़ाई लड़नी है, लेकिन जब सिपाही ही मोर्चा नहीं संभालेगा तो हम कहां से लड़ेंगे?'

राहुल गुरुवार को अपने एकदिवसीय बिहार के दौरे पर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के विक्रम में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. इस दौरान राहुल ने आरजेडी प्रत्याशी मीसा भारती के पक्ष में लोगों को वोट देने की अपील की.

राहुल गांधी ने कहा था मुझे भाषण देना है लेकिन मौका नहीं दिया गया

तेजप्रताप ने सभा के बाद पत्रकारों से कहा, 'राहुल गांधी ने खुद कहा था कि मुझे भी भाषण देना है. मैंने अपनी इच्छा से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को भी अवगत कराया, लेकिन मौका नहीं दिया गया.'

इस दौरान मंच पर राहुल गांधी के एक तरफ विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव बैठे. जनसभा को तेजस्वी यादव ने भी संबोधित किया, लेकिन तेज प्रताप को मौका नहीं मिला.

तेजप्रताप ने कहा ऐसे लोगों की वजह से कांग्रेस का ये हाल है

तेजप्रताप ने इसके लिए एक नेता को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि कहा, 'ऐसे लोगों के कारण ही कांग्रेस का ये हाल है. ये लोग जानते हैं कि दूसरा लालू पैदा हो रहा है, इससे परेशान हैं.'

उन्होंने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस की बिहार समिति चरमराई हुई है, इसकी शिकायत वे राहुल गांधी से भी करेंगे.

आरजेडी टिकट बंटवारे से नाराज हैं तेजप्रताप

उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप पहले से ही आरजेडी के टिकट बंटवारे से लेकर नाराज हैं. जहानाबाद में उन्होंने आरजेडी के अधिकृत प्रत्याशी के मुकाबला अपने 'लालू-राबड़ी मोर्चा' का उम्मीदवार उतार दिया है. आरजेडी और कांग्रेस कई अन्य छोटे दलों के साथ एक महागठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरे हैं.