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'मुझे 50 करोड़ दो, मोदी को मार दूंगा' Video में कहते नजर आए तेज बहादुर , BJP ने दिया ये जवाब

बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव का एक विवादस्पद वीडियो सामने आया है. जिसमें वो कहते हुए नजर आ रहे है कि अगर उन्हें 50 करोड़ रुपये दिए जाए तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए तैयार है.

Updated on: 07 May 2019, 06:52 AM

नई दिल्ली:

बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव का एक विवादस्पद वीडियो सामने आया है. जिसमें वो कहते हुए नजर आ रहे है कि अगर उन्हें 50 करोड़ रुपये दिए जाए तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए तैयार है. तेज बहादुर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. हालांकि हम इस वीडियो की पुष्टी नहीं करते है. तेज बहादुर ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से नामांकन भरा था, हालांकि चुनाव आयोग ने उनके नामांकन को खारिज कर दिया था.

तेज बहादुर के इस वीडियो पर बीजेपी के जीवीएल नरसिम्हा ने कहा, 'सपा उम्मीदवार तेज बहादुर यादव के बयानों से स्तब्ध हैं. उन्हें वाराणसी से सपा का उम्मीदवार बनाया गया था, उनकी उम्मीदवारी को विभिन्न कारणों से रद्द कर दिया गया. हम टीवी पर देख सकते हैं कि कैसे वह एक समूह को बता रहे हैं कि वह 50 करोड़ रुपए के लिए पीएम मोदी को मारने की साजिश रच रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस जैसी पार्टियां सरकार के बजाय ऐसी असामाजिक ताकतों के पीछे जाती हैं, जो चिंता का विषय है. यह तथ्य कि उन्हें सपा द्वारा एक उम्मीदवार के रूप में तैयार किया जाना था, यह वास्तव में हमें स्तब्ध कर देता है. हम इसकी निंदा करते हैं, हम सभी एजेंसियों से इस खतरे का ध्यान रखने की अपेक्षा करते हैं.'

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बता दें कि वाराणसी (Varansi) से लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ ताल ठोंकने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर ने जब से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है, तब से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. तेज बहादुर की राजनीतिक पारी भी काफी दिलचस्प है. पहले उन्होंने निर्दलीय से पर्चा भरा था. इसके कुछ दिनों बाद समाजवादी पार्टी (SP) ने उन्हें अपना समर्थन दे दिया.

समाजवादी पार्टी से तेज बहादुर ने वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकण भरा था लेकिन चुनाव आयोग ने उनके नामंकण रद्द कर दिया था. जिसके बाद तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. उन्होंने चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से नामांकन रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.