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2014 में मणिशंकर ने डुबोई थी लुटिया 2019 में राहुल गांधी का ये करीबी उसी राह पर

2014 में मणिशंकर अय्यर के उस बयान को बीजेपी ने उछाला था जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को 'चायवाला' बोला था.

Updated on: 10 May 2019, 02:56 PM

highlights

  • 2014 में मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को कहा था चायवाला
  • अब सैम पित्रोदा ने 84 दंगे को लेकर दिया विवादित बयान
  • पीएम मोदी ने रोहतक रैली में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण का चुनाव प्रचार अभियान शुक्रवार की शाम को थम जाएगा लेकिन राजनीतिक दलों की लड़ाई जारी है एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी 84 के दंगों को लेकर पहले से ही हमलावर है वहीं कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान ने आग में घी का काम कर दिया है. पित्रोदा के बयान के बाद BJP उनके इस बयान को ठीक वैसे ही उछाल रही है जैसे उसने 2014 में मणिशंकर अय्यर के उस बयान को उछाला था जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को 'चायवाला' बोला था. छठे चरण में दिल्ली की सभी 7 सीटों और पंजाब में भी मतदान होने हैं जिसकी वजह है कि बीजेपी इस मुद्दे पर फ्रंटफुट पर है और वो कांग्रेस को बैकफुट पर धकेलना चाहती है.

कांग्रेस के लिए आत्मघाती होगा पित्रोदा का बयान
पिछले लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था, तो बीजेपी ने उसे ही चुनावी मुद्दा बना दिया. इस बार चौकीदार चोर है का नारा उछला तो मोदी खुद चौकीदार बन बैठे, लेकिन अब जब चुनाव के पांच चरण बीत चुके हैं और दो चरण ही बाकी है तब सैम पित्रोदा ने 1984 दंगे पर टिप्पणी करते हुए कह दिया… 84 हुआ तो हुआ.., इस पर बीजेपी बिफर गई और कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोल दिया. यह बयान कांग्रेस के लिए ताबूत की आखिरी कील भी साबित हो सकती है.

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पीएम मोदी ने रोहतक में नाम लिए बिना जमकर हमला बोला
पीएम मोदी ने शुक्रवार को हरियाणा के रोहतक में रैली करते हुए सैम पित्रोदा के इस बयान को बार-बार दोहराया वहीं सैम पित्रोदा के इस बयान को लेकर बीजेपी दिल्ली और पंजाब में प्रदर्शन कर रही है. दिल्ली में चुनाव प्रचार के लिए भले ही आज आखिरी दिन हो, लेकिन बीजेपी ने इस मुद्दे पर आक्रमकता की अभी शुरुआत भर की है. क्योंकि बीजेपी की तरफ से दिल्ली में जिस तरह से इसे उछाला गया है, उसी तरह से पंजाब में भी आगे बढ़ने की तैयारी है.

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84 दंगा मामले में बैकफुट पर है कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी जितना 1984 के दंगों पर जितनी आक्रमकता से कांग्रेस को घेर रही है, कांग्रेस की मुश्किलें उतनी ही बढ़ती जा रही हैं. क्योंकि जब भी 84 दंगों की बात होती है कांग्रेस हमेशा बैकफुट पर दिखाई देती है. आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली की सड़कों और देश के अन्य राज्यों में सिखों के साथ जो हुआ, उसमें कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का नाम सामने आया था. सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर तो अभी तक इस मसले पर अदालत के घेरे में हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस को घेरते रहे हैं.

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पित्रोदा के बयान पर हमलावर हैं बीजेपी के नेता
जब से सैम पित्रोदा का बयान सामने आया है, तभी से बीजेपी हमलावर है. पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर उनसे जवाब मांगा तो बाद में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने ही अंदाज में उन्हें घेरा. नकवी ने कहा कि सैम पित्रोदा राहुल गांधी के गुरु नहीं बल्कि कांग्रेस के गुरु घंटाल हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में पैदल बुद्धिजीवियों की एक जमात है जो इस तरह के बयान देती रहती है.

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वहीं सैम पित्रोदा की माने तो उन्होंने बीजेपी के हमलावर होने के बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है और कहा है कि बीजेपी ने उनके बयान में से कुछ शब्द चुन लिए हैं और उन्हें ही घुमा फिराकर बात कर रही है.

पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं पित्रोदा
यह पहला मौका नहीं है जब सैम पित्रोदा विवादित बयान देकर बीजेपी के चौतरफा हमलों से घिर गए हों इसके पहले भी सैम पित्रोदा के कई बयान कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर चुके हैं. फरवरी में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद जब पत्रोदा ने कहा था कि 'एक हमले की वजह से पूरे पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.' पित्रोदा के इस बयान पर भी बीजेपी ने जमकर हंगामा काटा था. पित्रोदा इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने ये भी कह दिया था कि 'एयरस्ट्राइक का फैसला सही नहीं था.' हालांकि, बाद में कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के इस बयान किनारा कर लिया था.