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योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर से बीजेपी के टिकट पर ताल ठोंक सकते हैं भोजपुरी एक्टर रवि किशन

उपचुनाव में गोरखपुर जैसी प्रतिष्‍ठित सीट गंवा चुकी बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में हाल में जीतना चाहती है.

Updated on: 27 Mar 2019, 09:00 PM

मुंबई:

उपचुनाव में गोरखपुर जैसी प्रतिष्‍ठित सीट गंवा चुकी बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में हाल में जीतना चाहती है. गोरक्षपीठ के प्रभाव वाली सीट से इस बार भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन को उतारने की चर्चा है. 2017 में रवि किशन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए थे. बुधवार को उन्होंने यह घोषणा की कि वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी यह फैसला करेगी कि मुझे किस सीट से उतारना है. इस सीट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद रहे हैं.

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बता दें रवि किशन 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय कांग्रेस की तरफ से रवि किशन ने जौनपुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें यहां जीत हासिल नहीं हो सकती. उन्हें यहां केवल 4 प्रतिशत वोट हासिल हुए. इसके बाद तीन साल में ही रवि किशन ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए.

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रवि किशन भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं . उनके बचपन के दिन गरीबी में बीते और मुंबई आकर भी उन्हें बहुत मेहनत करवनी पड़ी तब जाकर उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ. वह बहुत गरीब थे. वह मिट्टी के घर में रहते थे और दीवाली के मौके पर वह मां के लिए एक साड़ी तक नहीं खरीद पाते थे. वह रामलीला में सीता का रोल निभाते थे और इसके लिए उन्‍हें अक्‍सर मार पड़ती थी.

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वह 17 साल के थे तब उनकी मां ने उन्‍हें 500 रुपये दिए और वह भागकर मुंबई आ गए. एक इंटरव्‍यू में उन्‍होंने बताया था, 'मुझे बॉलीवुड में काम नहीं मिल रहा था तभी मुझे एक भोजपुरी फिल्म का ऑफर मिला. मां के कहने पर मैंने यह फिल्म की और मैं भोजपुरी सुपरस्टार बन गया, इसने मेरी जिंदगी बदल दी. '

मनोज तिवारी भी गोरखपुर से लड़ चुके हैं चुनाव

2009 में समाजवादी पार्टी से गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. योगी आदित्यनाथ ने अपने गढ़ में तिवारी को हार का मुंह दिखाया. इसके कुछ सालों बाद मनोज तिवारी भाजपा में शामिल हो गए. मनोज तिवारी अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में भी हिस्सा लिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए. 2017 में उन्होंने दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाला. दिल्ली में 2020 में होने वाले विघानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं.