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छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित राज्यों के बूते अब अगले 5 साल पार्टी की ब्रांडिंग करेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस शासित राज्यों में भी कांग्रेस की करारी हार ने संगठन में बदलाव और सरकारों के कामकाज की नए सिरे से समीक्षा की जरूरत पर नेतृत्व का ध्यान खींचा है.

Updated on: 27 May 2019, 08:34 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस शासित राज्यों में भी कांग्रेस (Congress) की करारी हार ने संगठन में बदलाव और सरकारों के कामकाज की नए सिरे से समीक्षा की जरूरत पर नेतृत्व का ध्यान खींचा है. कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस बात के संकेत भी मुख्यमंत्रियों को मिले हैं कि उनके परफॉर्मेस पर भी आलाकमान की नजर रहेगी. राहुल अध्यक्ष पद से हटे भी तो पूरा ध्यान संगठन पर ही देंगे.

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित राज्यों के बूते अब अगले पांच साल पार्टी की ब्रांडिंग करेंगे. इस कारण राज्यों की कांग्रेस सरकारों को न केवल काम करके दिखाना होगा, बल्कि जनता से किए हर वादे को पूरा भी करना होगा. लोकसभा चुनाव में राहुल ने पांच महीने पहले तीन राज्यों में बनी कांग्रेस सरकार के कामकाज की जमकर ब्रांडिंग की. खासकर, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और मध्यप्रदेश का नाम राहुल ने ज्यादातर जगहों पर लिया.

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दूसरे राज्यों के किसानों को बताया कि कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों का कर्जमाफ कर दिया गया है. हालांकि, जिन तीन राज्यों की राहुल ने ब्रांडिंग की, वहां कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. राजस्थान में जीरो, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक और छत्तीसगढ़ में दो ही सीट मिल पाई. अब राहुल की कोशिश होगी कि कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार ऐसा काम करे कि उसकी वाहवाही हो, ताकि देश के दूसरे राज्यों में उनकी उपलब्धियों को बताकर कांग्रेस की जड़ मजबूत की जा सके.

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