कई राजनीतिक दलों को ईवीएम से शिकायत, चुनाव आयोग से की ये मांग
तीसरे चरण के मतदान (Third Phase Voting) में EVM में लगातार आ रही खराबी को देखते हुए समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन (Samajwadi Party Delegation) निर्वाचन कार्यालय पहुंचा.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आज 17 राज्यों (15 राज्य और 2 केंद्रशासित प्रदेश) के 116 लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है इस बीच कई नेताओं ने ईवीएम (EVM) में गड़बड़ी की शिकायत की है. समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, तेलुगुदेशम पार्टी और नेशनल कान्फ्रेंस सहित कई राजनीतिक दलों नेताओं ने ईवीएम पर सवाल उठाए. सबसे पहले सपा नेता आजम खान और धर्मेंद्र यादव ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके सवाल उठाए हैं. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि पूरे भारत में ईवीएम की खराबी की खबर आ रही है. यह EVM की खराबी है या भाजपा के लिए मतदान है. डीएम का कहना है कि ईवीएम के संचालन के लिए मतदान अधिकारी अप्रशिक्षित हैं. 350 से ज्यादा वोटों को बदला जा रहा है. 50,000 करोड़ रुपये इस चुनाव में खर्च आ रहा है. इतने बड़े मतदान अभ्यास के लिए यह एक आपराधिक लापरवाही है. क्या हमें चुनाव आयोग पर विश्वास करना चाहिए, या कुछ और अधिक भयावह है?
तीसरे चरण के मतदान (Third Phase Voting) में EVM में लगातार आ रही खराबी को देखते हुए समाजवादी पार्टी का डेलिगेशन (Samajwadi Party Delegation) निर्वाचन कार्यालय पहुंचा. यहां उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू (L Venkateshwar lu) से मुलाकात की. अरविंद सिंह, एसआरएस यादव, राजेंद्र चौधरी और अभिषेक मिश्रा ने रामपुर और बदायूं मामले पर की शिकायत दर्ज करवाई.
वहीं चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित देश के तमाम बड़े नेताओं ने भी EVM पर सवाल उठाया है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, दुनिया के 191 देशों में से सिर्फ 18 देशों ने चुनाव के लिए EVM को अपनाया है. वहीं कांग्रेस नेता सुशील शिंदे का कहना है कि EVM मशीन VVAPT की 50 प्रतिशत पर्चियां नहीं गिन पाता है.
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा वोट किसी भी पार्टी को डालो वो बीजेपी को जाता है गोआ में हमने इसकी जांच की जब 4 पार्टियों को 9-9 वोट डाले जब जांच किया गया तो 17 वोट सिर्फ बीजेपी के पक्ष में चला गया. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से ये भी गुजारिश की है कि कम से कम 50 प्रतिशत VVPAT पर्चियों को गिना जाना चाहिए लेकिन चुनाव आयोग सुनने को तैयार नही है.
डेमोक्रेसी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
वहीं एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा है कि लोगों को बदलाव चाहिए लोग मौजूदा सरकार से नाराज़ है, लेकिन हमें डर है कि कोई इन मशीनों का गलत उपयोग कर चुनाव के नतीजे बिगाड़ सकता है.
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