logo-image

लोकसभा चुनाव 2019 विश्लेषण : जानें सिक्किम में 2014 के चुनाव की स्थिति से अब तक कितने बदले समीकरण

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एसडीएफ (SDF) ने एक बार फिर सिक्किम सीट पर जीत हासिल की थी. उस समय एसडीएफ को 53.74 फीसदी वोट शेयर के साथ कुल 1,63,698 वोट मिले थे.

Updated on: 20 Feb 2019, 09:02 AM

नई दिल्ली:

सभी राजनीतिक पार्टीयां लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में जोरों-शोरों से जुट गई है. लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Election 2019) की उल्टी गिनती शुरु हो गई है और भारतीय चुनाव आयोग (ECI) मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती है. हम भी चुनावों के लिए कमर कस रहे हैं और एक सीरीज के साथ आ रहे हैं. क्या हुआ था 2014 लोकसभा चुनाव में? हम हर राज्य में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव का विश्लेषण करेंगे और कोशिश करेंगे कि क्या इस बार भी इतिहास खुद को दोहराएगा या फिर रिजल्ट कुछ और सामने आएगा.

चुनाव विश्लेषण- जानें साल 2014 के लोकसभा चुनावों में क्या था चुनाव का रुख और 2019 में क्या होगा?

चुनावी विश्लेषण में हम सिक्किम राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को देखेंगे. राज्य में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होंगे. सिक्किम के साथ ही ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश दूसरे ऐसे राज्य हैं, जहां एक साथ दोनों चुनाव होने वाले है. मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) सन् 1994 से राज्य में सत्ता संभाले हुए है. चामलिंग भारत में किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले मुख्यमंत्री हैं. इस बार वह छठीं बार अपनी सीट को जीतने की कोशिश करेंगे. साल 1994 में हुए विधानसभा चुनाव में चामलिंग ने नर बहादुर भंडारी की सिक्किम संग्राम परिषद (SSP) को हराकर जीत हासिल की थी और उसके बाद उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी ने साल 1999, 2004, 2009 और 2014 का विधानसभा चुनाव भी जीता. बता दें कि सिक्किम में केवल एक लोकसभा सीट और 32 विधानसभा सीटें हैं. आइए इस पर अब विस्तार से चर्चा करते हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव में सिक्किम में क्या हुआ था?


साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एसडीएफ (SDF) ने एक बार फिर सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. उस समय एसडीएफ को 53.74 फीसदी वोट शेयर के साथ कुल 1,63,698 वोट मिले थे. देश की दो सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी सिक्किम में अपनी पैठ जमाने में असफल रही हैं. 2014 में कांग्रेस 7,189 वोटों के साथ केवल 2.36 फीसदी ही वोट पा सकी थी. वहीं बीजेपी को 7,279 वोटों के साथ सिर्फ 2.39 फीसदी वोट मिले थे. हालांकि चुनावों में एसडीएफ को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने चुनौती दी थी. जिसमें एसकेएम को 40.03 फीसदी वोटों के साथ 1,21,956 वोट हासिल किए थे.


साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) के प्रेम दास राय ने अपने प्रतिद्वंदी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के टेकनाथ ढकाल को 41,742 वोटों के साथ हराकर अपनी सीट बरकरा रखी थी. एसडीएफ साल 1996 से लोकसभा की सीट पर काबिज है. साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने जीत का परचम लहराया और 1996 से लेकर 2004 तक इस सीट से भीम प्रसाद दहल लोकसभा के सांसद रहे. इसके बाद 2004 के आम चुनाव में एसडीएफ के नकुल दास राय ने यहां से 93,151 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. वहीं इस बार सिक्किम के चुनावी मैदान में बाइचुंग भूटिया की पार्टी 'हमरो सिक्किम' भी उतरी है. बाइचुंग भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता भी रह चुके है.

2014 में सिक्किम विधानसभा चुनाव का परिणाम क्या था?

सिक्किम विधानसभा चुनाव 12 अप्रैल 2014 को हुए थे. जिसमें एसडीएफ ने एक बार फिर से बहुमत के साथ अपनी जीत बरकरार रखी.  वहीं सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) एसडीएफ को चुनौती देने के लिए मैदान में उतर चुकी थी.

सिक्किम में सिक्किम डेमोके्रटिक फ्रंट को 32 सीटों में से 22 सीटों पर जीत हासिल हुई है. 55.03 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ एसडीएफ ने अपना बहुमत बरकरार रखा. एसकेएम ने 40.80 प्रतिशत के वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतीं. बीजेपी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में भी खराब प्रदर्शन किया और क्रमशः 0.71 प्रतिशत और 1.42 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त किए.


चामलिंग ने नामची-सिंघिथांग सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एसकेएम के मिलन राय को 1,084 मतों के अंतर से हराया. एसडीएफ को राज्य में 1,69,986 वोट जबकि एसकेएम को 1,26,024 वोट मिलें. वहीं  बीजेपी और कांग्रेस को सिक्किम में कुल 2,208 और 4,390 वोट हासिल किए.

2019 में सिक्किम में वर्तमान चुनावी परिदृश्य क्या है?

एसडीएफ बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) का हिस्सा है लेकिन खबरें बताती हैं कि बीजेपी बाइचिंग भूटिया की हमरो सिक्किम पार्टी और सिक्किम राज्य मंच से गठबंधन करने का विचार कर रही है. प्रेम सिंह तमांग और पीएस गोलय की एसकेएम ने 2014 में रांगांग-यांगांग उपचुनाव लड़ने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार उपचुनाव हार गए. चामलिंग के नामची-सिंघांग सीट को बरकरार रखने और रांगांग-यांगांग सीट से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव कराए गए थे. हालांकि, निर्दलीय उम्मीदवार रूप नारायण चामलिंग ने विधानसभा उपचुनाव में रांगांग-यांगंग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सत्तारूढ़ एसडीएफ को बड़ा झटका दिया. रूप नारायण मुख्यमंत्री के भाई हैं.

2017 में एसडीएफ के उम्मीदवार दिली राम थापा अपर बर्टुक विधानसभा उपचुनाव जीता और बीजेपी उम्मीदवार को हराया. मुख्यमंत्री चामलिंग ने हाल ही में कहा कि एसडीएफ राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में कम से कम 50 प्रतिशत सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है.