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Bihar : बेगूसराय सीट पर गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के बीच होगा कड़ा मुकाबला

इस बार देशभर की लोकसभा सीटों में से बिहार की बेगूसराय सीट खास है.

Updated on: 02 Apr 2019, 12:23 PM

नई दिल्ली:

इस बार देशभर की लोकसभा सीटों में से बिहार की बेगूसराय सीट खास है. इस सीट से बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के सामने वामदल के नेता कन्हैया कुमार हैं. इस सीट पर राजद ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है. ऐसे में अब बेगूसराय में चुनावी तपिश सबसे तेज है.

बेगूसराय में चौक चौराहों पर दिखेगी जनता की हुजूम

चुनावी गहमागहमी में सभी अपने प्रत्याशी के लिए माहौल बनाने में जुटे हैं. जहां बरौनी में न्यूज नेशन की टीम पहुंची तो यहां उम्मीदवार गिरिराज सिंह पहुंच गए. इसके बाद गिरिराज सिंह ने कार्यकर्ताओं से जान पहचान बनाना शुरू कर दिया. पिछले दिनों वह अपने संसदीय क्षेत्र छीने जाने को लेकर खूब चर्चा में थे. वह वर्तमान में नवादा से सांसद है, मगर पार्टी ने गठबंधन धर्म में इनकी सीट राम विलास पासवान के लोकजनशक्ति पार्टी को दे दी और इन्हें बेगूसराय मिला.

तमाम हठ के बावजूद गिरिराज सिंह को आलाकमान की बात माननी पड़ी और वह बेगूसराय पहुंच गए. उनके लिए नया क्षेत्र, नए लोग, चुनौती जबरदस्त है. वामदल ने कन्हैया को उतारा है और राजद ने तनवीर हसन को तो गिरिराज सिंह भी मौके की नजाकत समझ रहे. बेगूसराय में एंट्री के साथ ही गिरिराज भगवान के दर पर हर गली में पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने जिस मंदिर की अहमियत समझाई, वहीं हाथ जोड़ खड़े हो गए.

इस दौरान गिरिराज सिंह भी कुछ पसोपेश में दिखे, क्या कहें, किससे मिलें, किसकी सुनें. जब सवाल चुनाव के मुद्दे के पूछे गए तो राष्ट्रवाद की रट लगाई, मगर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर जवाब देने से बचे. गिरिराज सिंह भी समझते हैं की नए रणक्षेत्र में तैयारी खास चाहिए. मंदिर और हिंदुत्व का मुद्दा भी बने रहे तो महादेव के आशीर्वाद के साथ नए मतदाताओं को अपना रुख भी बता दिया जाए. गिरिराज सिंह भी मान रहे कि भगवान का आशीर्वाद तो चाहिए ही वो भी नए चुनावी मैदान में जहां प्रतिद्वंद्वी भी जबरदस्त हों.

गिरिराज का काफिला चलता रहा. हम काफिले से अलग हुए और जनता के बीच पहुंचे. रोजगार से विकास सब पर लोगों ने चर्चा शुरू की. अभी न्यूज नेशन की टीम संसदीय क्षेत्र में घूम रही थी और उनकी नजर बैलगाड़ी पर पड़ी, अपने धुन में गाड़ीवान चला जा रहा था. हमने उन्हें रोका, सोचा सवारी देशी की जाए और गाड़ीवान से ज्यादा अच्छी रिपोर्ट कौन दे सकता है. प्रत्याशी तो अपनी जगह है, मगर किसी संसदीय क्षेत्र का नब्ज तो जनता ही बताएगी तो हम लोगों से मिलते आगे बढ़ते रहे.