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लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद वाम दल बनाएंगे आगे की रणनीति

लोकसभा चुनाव का मतदान रविवार को संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों को वाम दलों ने खारिज किया है.

Updated on: 20 May 2019, 09:04 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव का मतदान रविवार को संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों को वाम दलों ने खारिज किया है. इसके साथ वाम दलों ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही विपक्ष का कोई सार्थक गठजोड़ आकार लेगा. चुनाव परिणाम से पहले चल रही सभी तरह की कोशिशें मात्र कोरी कवायद हैं. गौरतलब है कि मौजूदा लोकसभा में सीपीएम के 9 और सीपीआई का सिर्फ एक सदस्य है.

विपक्षी मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा, 'चुनाव परिणाम आने के बाद ही सरकार के गठन को लेकर कोई पहल की जाएगी. एक बात स्पष्ट है कि धर्मनिरपेक्ष विचारों वाली वैकल्पिक सरकार बनने जा रही है. सरकार का क्या स्वरूप होगा, कौन इसे बनाएगा, ये सब बातें चुनाव के बाद तय होंगी'.

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सीपीआई ने किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में फिलहाल विपक्ष में बैठने का मन बनाया है. पार्टी के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि चुनाव के बाद की रणनीति तय करने के लिए 27 और 28 मई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. उन्होंने कहा कि किसी को बहुमत नहीं मिलने पर सीपीआई को विपक्ष की भूमिका निभाना चाहिए. सीपीआई के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने भी कहा कि 23 मई को चुनाव के नतीजे आने के बाद वामदल अपनी भूमिका तय करेंगे.

सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने बताया कि विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनने को लेकर 23 मई के पहले पार्टी की कोई बैठक नहीं है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ही भविष्य की रणनीति तय होगी. अंजान ने कहा, ‘हमारी कोशिश है कि सांप्रदायिक ताकतों को सरकार बनाने से कैसे रोका जाए.’ संघीय मोर्चा या कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन में किसे चुनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वाम दल मिलकर अपनी दिशा तय करेंगे.

हालांकि अंजान ने यह जरूर कहा, ‘इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस पूरी तरह से बीजेपी की ‘बी टीम’ है.’

चुनाव परिणाम के बाद सीपीएम की वैकल्पिक संभावनाओं के सवाल पर येचुरी ने कहा, ‘इससे पहले भी वैकल्पिक सरकारों का गठन किया गया है. इस बार भी वही स्थिति चुनाव के बाद उत्पन्न होने जा रही है. इसके मुताबिक ही अतीत की तर्ज पर इस बार भी सरकार का गठन होगा.’ उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा सरकार का गठन चुनाव के बाद हुआ था. यहां तक कि एनडीए और यूपीए भी चुनाव के बाद ही वजूद में आये थे.

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येचुरी ने इस चुनाव के बाद विपक्ष का एक नया गठजोड़ बनने के संकेत देते हुए बताया कि उनकी टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू सहित अन्य दलों के नेताओं से बातचीत चल रही है. चुनाव परिणाम आने के बाद बनने वाली परिस्थितियां मजबूत गठबंधन बनने का मार्ग प्रशस्त करेंगी.

येचुरी ने कहा,‘इस बार भी नया विकल्प बनाने की स्थिति बनेगी और इसके आधार पर वैकल्पिक सरकार आ रही है.’
हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि सीपीएम चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस से अपनी नाराजगी भुलाकर इनके खेमे में शामिल होना पसंद करेगी या दूरी बना कर रखेगी.