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बैंकों ने पहली बार ऐसा किया काम कि 9331 लोगों का चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान

लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और इस बात पर अब सबकी नजरें हैं कि कौन किस क्षेत्र पर सबसे बड़ा और प्रबल दावेदार है.

Updated on: 02 Apr 2019, 03:35 PM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और इस बात पर अब सबकी नजरें हैं कि कौन किस क्षेत्र पर सबसे बड़ा और प्रबल दावेदार है. सीटों के गुणा गणित में पार्टियां भी उलझी हुई हैं तो वहीं इस बार चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए राजनीतिक दलों को उनकी पार्टी में ऐसे प्रत्याशी, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है, तीन बार सार्वजनिक करने को कहा है. इसके साथ मे बैंकिंग असोसिएशन से जुड़े अधिकारी भी सतर्क हैं जिनका कहना है कि विलफुल डिफॉल्टर्स जब तक अपना No Dues बैंक को ना सौपें उन्हें चुनावी मैदान से दूर रखा जाए. हाल ही में बैंकिंग एसोसिएशन ने पत्र के माध्यम से चुनाव आयोग से अपील की थी.

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अब ऐसे मामले सामने आने लगे हैं मणिपुर के लोकसभा सीट के प्रत्याशी कीशिंग जेम्स जो कांग्रेस के हाथ से अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं, उन पर पीएनबी बैंक ने इलेक्शन कमीशन को एक रिपोर्ट सौंपी है. इसमें उनके डिफाल्टर होने और 100 करोड़ के कर्ज की बात कही गई है और तो और चुनाव आयोग में NOC नहीं जमा की गई इसका जिक्र भी है. न्यूज़ नेशन के पास पीएनबी बैंक की वो कॉपी है जो बैंक ने चुनाव आयोग को सौंपी है.

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बैंकिंग सेक्टर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि चुनाव आयोग से अपील है ऐसे लोगों पर क्रिमिनल ऑफेंस के तहत कार्रवाई हो. विलफुल डिफाल्टर्स की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है आँकड़ों कि मानें देश के करीब 21 बैंकों के 9331 विलफुल डिफाल्टर्स हैं, जिनपर करीब 1.22 लाख करोड़ का बकाया है और इससे एनपीए बढ़कर अब 8.95 लाख करोड़ तक जा पहुंचा है.अब बैंकों ने पहली बार ऐसा किया है जब किसी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया हो, ऐसे में अभी और डिफाल्टर्स प्रत्याशियों के नाम सामने आ सकते हैं.