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JNU में सेमेस्ट परीक्षाएं रद्द, इतने तारीख से शुरू हो सकता है विंटर सेशन के लिए Registration

गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सोमवार को पीएचडी, एमएससी, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस के छात्रों की परीक्षा होनी थी. हालांकि रविवार रात हुई हिंसा के बाद अब अधिकांश छात्रों ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया.

Updated on: 07 Jan 2020, 08:40 AM

highlights

  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में सोमवार से होने वाली परीक्षाएं (JNU Semester Exam Canceled) रद्द कर दी गईं. 
  •  शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण (JNU registration for winter session) की व्यवस्था भी फिलहाल विश्वविद्यालय में शुरू नहीं की जा सकी है.
  • जल्द ही वाईफाई व पंजीकरण से जुड़ी सेवाएं बहाल की जाएंगी. इसके बाद छात्र इतनी तारीख तक अपना पंजीकरण करवा सकेंगे.

नई दिल्‍ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में सोमवार से होने वाली परीक्षाएं (JNU Semester Exam Canceled) रद्द कर दी गईं. परीक्षाओं के अलावा शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण (JNU registration for winter session) की व्यवस्था भी फिलहाल विश्वविद्यालय में शुरू नहीं की जा सकी है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जल्द ही वाईफाई व पंजीकरण से जुड़ी सेवाएं बहाल की जाएंगी. इसके बाद छात्र 12 जनवरी तक अपना पंजीकरण करवा सकेंगे.

फीस बढ़ोतरी (fee hike) के विरोध में धरने पर बैठे जेएनयू के कुछ छात्रों ने पंजीकरण केंद्र का वाईफाई कनेक्शन काट दिया था, जिसके चलते कई छात्र सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के लिए अपना पंजीकरण नहीं करवा सके. हालांकि जिन छात्रों का पंजीकरण हो चुका था, उन छात्रों ने भी सोमवार को आयोजित परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया.

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अब विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि वाईफाई व पंजीकरण से जुड़ी अन्य सुविधाएं बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रशासन का दावा है कि बहुत जल्द ही सर्वररूम को भी दुरुस्त कर लिया जाएगा. इसके बाद 12 जनवरी तक सभी छात्र बिना किसी लेट फीस के अपना पंजीकरण करवा सकेंगे.

गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सोमवार को पीएचडी, एमएससी, स्कूल ऑफ लाइफ साइंस के छात्रों की परीक्षा होनी थी. हालांकि रविवार रात हुई हिंसा के बाद अब अधिकांश छात्रों ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया. इसके अलावा विभिन्न संकाय व परीक्षा केंद्रों पर सोमवार को तालाबंदी कर दी गई. तालेबंदी के कारण ना तो कोई छात्र और ना ही टीचर इन केंद्रों में प्रवेश कर पाया.

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सोमवार को विश्वविद्यालय में अधिकांश अध्यापक भी बिना किसी कार्रवाई के वापस लौट गए. कई अध्यापक इस विषय पर छात्रों के साथ खड़े नजर आए. अध्यापकों का कहना था कि विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. विश्वविद्यालय में सुरक्षित माहौल होने पर ही पढ़ाई व परीक्षाएं शुरू करवाई जा सकती हैं.