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Independence day 2019: तिरंगा फहराने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, जानें कब फहराया गया पहला झंडा

पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक कोलकाता में फहराया गया था. इस झंडे में केसरिया रंग सबसे उपर, बीच में पीला, और सबसे नीचे हरे रंग का इस्तेमाल किया गया था.

Updated on: 14 Aug 2019, 03:40 PM

नई दिल्ली:

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सियाचीन की बर्फीली पहाड़ियों से लेकर रेगिस्तान की तपती रेत तक शान से तिरंगा लहराता है. लेकिन क्या आप जानते हैं तिरंगे का इतिहास क्या है. पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक कोलकाता में फहराया गया था. इस झंडे में केसरिया रंग सबसे उपर, बीच में पीला, और सबसे नीचे हरे रंग का इस्तेमाल किया गया था.

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झंडा बनाते समय इन बातों का रखा गया था विशेष ध्यान-

भारतीय झंडे को बनाते हुए हर रंगों का विशेष ख्याल रखा गया। पहली पट्टी जो कि केसरिया रंग की है, वो देश की शक्ति और साहस का प्रतीक है. बीच में सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है. सबसे निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है.

तिरंगे के बीच में 24 तीलियों वाला अशोक चक्र जीवन के गतिशीलता को दिखाता है. 1947 से लेकर आज तक इस तिरंगे की आन, बान और शान बरकरार है. इसकी ओर आंख उठा कर देखने की हिमाकत आज कोई नहीं कर सकता.

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तिरंगा फहराते समय इन बातों का रखा खास ध्यान-

1. तिरंगे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो तिरंगा उनके दाहिने ओर हो.

2.  जब तिरंगा किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो भी तिरंगे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए.

3.  सरकारी भवन पर तिरंगा रविवार और अन्य छुट्‍टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है.

4. विशेष अवसरों पर तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है.

5. किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय तिरंगे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा.

6.  जब भी तिरंगा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहां से वह साफ रूप से दिखाई दें.

8. तिरंगे को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए. फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि तिरंगे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए.

9. फटा या मैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है। जब तिरंगा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए.

10. तिरंगे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए.

11. तिरंगा  किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए.

12. तिरंगा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है.