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हर व्यक्ति के लिए मातृभाषा सीखना और समझना जरूरी - उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

हमारी संस्कृति की सराहना करते हैं क्योंकि हमारी सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया.

Updated on: 25 Mar 2019, 06:51 AM

नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu Vice President of India) ने मातृभाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रविवार को कहा कि मातृभाषा मौलिक विचारों की स्पष्ट अभिव्यक्ति में मदद करती है, इसलिए हर व्यक्ति के लिए मातृभाषा सीखना और समझना जरूरी है. उपराष्ट्रपति ने बताया कि दुनियाभर के कारोबारी भारत में निवेश की दिलचस्पी न सिर्फ हालिया आर्थिक सुधारों के कारण रखते हैं, बल्कि वे इसलिए भी दिलचस्पी रखते हैं कि भारत की सभ्यता व संस्कृति प्राचीन है.

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नायडू यहां राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान में छात्रों व अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों से निवेश को आकर्षित कर रहा है क्योंकि यहां की सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता में शुमार है. उन्होंने कहा आगे कहा कि लोग हमारी संस्कृति की सराहना करते हैं क्योंकि हमारी सभ्यता सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया.

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उन्होंने कहा कि मैं लैटिन अमेरिकी देशों की यात्रा पर गया. मैंने वहां लोगों से उनकी मातृभाषा के बारे में पूछा और जानना चाहा कि क्या वे अपनी मातृभाषा का संर्वधन करते हैं. अनके लोग अपनी मातृभाषा नहीं जानते थे. उन्होंने कहा कि जब मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां स्पेन का शासन था, इसलिए हम मातृभाषा भूल गए.

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उपराष्ट्रपति ने बताया कि ब्रिटिश शासक ने भारत में शासन करने की कोशिश की और उन्होंने अंग्रेजी को नौकरी योग्यता बनाई, लेकिन हमारे आकार, संस्कृति और लोगों के ज्ञान के कारण वे सफल नहीं हुए.