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Good News: अब नौकरी पाने के बाद चुकाना होगा एजुकेशन लोन, HRD Ministry जल्द कर सकती है ये बड़ा ऐलान

इस बारे में आईआईटी-दिल्ली ने एचआरडी मिनिस्ट्री के पास प्रस्ताव भेजा था.

Updated on: 18 Sep 2019, 03:56 PM

highlights

  • अब नौकरी पाने के बाद भरना होगा एजुकेशन लोन.
  • एचआरडी मिनिस्ट्री जल्द कर सकती है बड़ा ऐलान.
  • स्टूडेंट्स को नहीं भटकना होगा अब एजुकेशन लोन के लिए.

नई दिल्ली:

Good News For Students: एचआरडी मंत्रालय (HRD Ministry) एजुकेशन लोन (Education) लेने वालों को बड़ी राहत देने जा रही है. सरकार इस लोन के लिए किस्त चुकाने के वक्त में बदलाव कर सकती है. एचआरडी मंत्रालय (HRD Ministry) के सूत्रों के अनुसार, अब नौकरी मिलने के बाद ही एजुकेशन लोन की किस्त शुरू होगी यानि कि जब आप नौकरी पा जाएंगे तभी से आपको अपने लोन को चुकाना भी शुरू करना होगा. इस बारे में आईआईटी-दिल्ली ने एचआरडी मिनिस्ट्री के पास प्रस्ताव भेजा था. सूत्रों की मानें तो मंत्रालय इस प्रस्ताव पर सहमति बना चुकी है. बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है.

अभी तक भारत में स्डूडेंट्स को हायर एजुकेशन के लिए लोन तो मिलता है लेकिन पढ़ाई पूरी करने केबाद से ही लोन चुकाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है. स्टूडेंट को नौकरी मिले या न मिले, चाहे वह आगे और पढ़ाई करना चाहता हो, लेकिन उसे पुराने लोन की रकम दिए गए समय पर चुकाना ही पड़ता है और ऐसा न करने पर ब्याज की रकम बढ़ती जाती है.
अब आपको बताते हैं एक ऐसे देश के बारे में जहां हायर एजुकेशन लोन प्रोग्राम (HELP) चलाया जाता है. ये देश है ऑस्ट्रेलिया जहां पर हायर एजुकेशन लोन प्रोग्राम (HELP) के तहत स्टूडेंट्स को ट्यूशन फीस देने के लिए लोन मिलता है. साथ ही साथ स्टूडेंट्स को लोन की रकम तब चुकानी होती है जब वह एक तय सीमा से ऊपर की सैलरी वाली जॉब हासिल कर लें.

इसी तर्ज पर अब एचआरडी मिनिस्ट्री भी एजुकेशन लोन के प्रावधानों में फेरबदल करने जा रही है. दरअसल, IIT Delhi ने Central Government के सामने इस संबंध में प्रस्ताव रखा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Human Resource Development Ministry - MHRD) से सिफारिश की है कि सरकार हायर एजुकेशन फाइनांसिंग एजेंसी (HEFA) की तर्ज पर एक और एजेंसी बनाई जाए.

आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि इस नई एजेंसी के जरिए स्टूडेंट्स को उनकी जरूरत के अनुरूप सीधी फंडिंग दी जाएगी. जब संबंधित छात्र / छात्रा को नौकरी मिल जाएगी तब उन्हें लोन वापस चुकाने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. हालांकि इसमें सरकार एक निश्चित सीमा में अतिरिक्त टैक्स या सेस चार्ज कर सकती है.

गौरलतब है कि HEFA एक एजेंसी है जो सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को ढांचागत विकास (Infrastructural Development) के लिए 10 साल के लिए लोन देती है.