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हाई कोर्ट ने दिए निर्देश, डीम्ड यूनिवर्सिटीज में ऐसे तय होगी मेडिकल कोर्स की फीस

मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि यूनीवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) को निर्देश दिया है कि वह दो हफ्ते के अंदर ही फी फिक्सेशन कमेटी गठित करे।

Updated on: 01 Aug 2017, 12:51 PM

नई दिल्ली:

मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) को निर्देश दिया है कि वह दो हफ्ते के अंदर ही फी फिक्सेशन कमेटी गठित करे।

यह आदेश हाई कोर्ट ने इसलिए दिया है ताकि इस पुडुचेरी में मौजूद मेडिकल डीम्ड यूनिवर्सिटी के फीस स्ट्रक्चर तैयार किए जा सकें।

हाई कोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एम सुंदर की बेंच ने मेडिकल कोर्सेस की फीस फिक्स करने की मांग को लेकर लगी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। कोर्ट ने 18 अगस्त को इन याचिकाओं पर सुनवाई करने को कहा है।

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बता दें कि वीबीआर मेनन ने इस मामले में एक जनहित याचिका लगाई है जिसमें उन्होंने कोर्ट से पुडुचेरी की डीम्ड यूनिवर्सिटीज में फीस को फिक्स करने की बात कही गई है।

दूसरे याचिकाकर्ता के वकील जवाहरलाल शानमुगम ने भी हाई कोर्ट में तमिलनाडु के लिए भी ऐसी ही कमेटी बनाने की अपील की है।

यह डिमांड उन्होंने डीम्ड यूनिवर्सीटीज द्वारा मेडिकल कोर्सेस के लिए रखी जा रही मनमानी फीस के चलते की है। बता दें कि हाल में डीम्ड यूनिवर्सिटीज मेडिकल कोर्सेज के लिए 18 से 23 लाख रुपये तक फीस स्ट्रक्चर रखती हैं।

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वहीं सीनियर काउंसिल एएल सोमायाजी ने कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक हर इंस्टीट्यूट अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के हिसाब से फीस तय कर सकता है।