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NEET UG 2019: सुप्रीम कोर्ट गलत उत्तर के मामले मे दायर याचिका पर आज करेगा सुनवाई

याचिका में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) UG 2019 के चार प्रश्न NCERT के सिलेबस से बाहर थे और इसलिए, गलत तरीके से सेट किए गए थे.

Updated on: 15 Jun 2019, 02:45 PM

highlights

  • गुरुवार को छात्रों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई.
  • NEET UG 2019 के चार प्रश्न गलत सिलेबस से बाहर कर दिए गए थे.
  • TA ने 5 जून को NEET UG 2019 के परिणाम घोषित किए थे.

नई दिल्ली:

NEET UG 2019: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गुरुवार को छात्रों के एक समूह की याचिका पर सुनवाई करेगा. जिसमें दावा किया गया था कि राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) UG 2019 के चार प्रश्न NCERT के सिलेबस से बाहर थे और इसलिए, गलत तरीके से सेट किए गए थे. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार यानी 14 जून, 2019 को सुनवाई के लिए मामला तय किया है, वकील के बाद, छात्रों को तत्काल लिस्टिंग के लिए मामले का उल्लेख करते हुए.=

"सुप्रीम कोर्ट ने कुछ छात्रों की शुक्रवार की याचिका पर सुनवाई करने का दावा किया, जिसमें दावा किया गया था कि NEET UG 2019 के चार प्रश्न गलत तरीके से एनसीईआरटी के सिलेबस से बाहर कर दिए गए थे. अदालत का कहना है कि यह मामले की सुनवाई छात्रों के वकील द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए किए जाने के बाद होगी." समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट.

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इस बीच, तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने NEET को रद्द करने की मांग की, जिसमें आरोप लगाया गया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ थी और इसलिए, लाखों छात्रों की चिकित्सा शिक्षा के सपने को नष्ट कर रही है.
राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा को पास करने में विफल होने के कारण कथित रूप से आत्महत्या करने वाली तीन लड़कियों के विरोध में विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके कारण पूरे दक्षिणी राज्य में कोहराम मच गया. कथित तौर पर NEET को फेल करने को लेकर इस सप्ताह के शुरू में तीन लड़कियों- तिरुपुर, कोयंबटूर और विल्लुपुरम जिलों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी.

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष हैदराबाद के केएम रेड्डी और तीन अन्य ने अधिवक्ता महफूज नजकी के जरिये याचिका दाखिल की है. उनका कहना है कि परीक्षा का आयोजन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने गलत आंसर-की जारी करके परीक्षा में सम्मिलित हुए अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. 

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प्रदर्शनकारियों का मानना ​​है कि परीक्षा में CBSE पृष्ठभूमि के छात्रों द्वारा बड़ी दरार डाली जाती है, जबकि राज्य बोर्डों से उनके समकक्षों को समान योग्यता प्राप्त करना मुश्किल होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि जो छात्र निजी कोचिंग कक्षाओं का खर्च नहीं उठा सकते हैं, वे NEET परीक्षा पास नहीं कर सकते हैं क्योंकि प्रश्नपत्र पूरी तरह से CBSE पाठ्यक्रम पर आधारित है.
इस उग्र विवाद के बीच, NTA ने 5 जून को NEET UG 2019 के परिणाम घोषित किए थे. 315 विदेशी नागरिकों, 1,209 एनआरआई, 441 उम्मीदवारों ने ओसीआई (ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया) कार्ड और 46 पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) के साथ 7,95,031 भारतीयों ने परीक्षा पास की. दिल्ली में 74.92 पर सबसे अधिक परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए, उसके बाद हरियाणा (73.41) और चंडीगढ़ (73.24) का स्थान रहा. नागालैंड में सबसे कम पास प्रतिशत 34.52 रहा.

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नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (NEET) क्रमशः मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अनुमोदित मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में MBBS और BDS पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए NTA द्वारा आयोजित किया जाता है.