SUCCESS STORY: अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है
SUCCESS STORY: देहरादून की पूनम टोडी ने पीसीएस-जे परीक्षा 2016 को टॉप करके सफलता की नई कहानी लिखी है.
नई दिल्ली:
SUCCESS STORY: वो कहते हैं ना कि अगर मेहनत में ईमानदारी हो तो सपने सच होकर ही रहेंगे. जी हां एक बेटी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि आज हर कोई उसकी सफलता की तारीफ कर रहा है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक बेटी की जिसने जज बनकर ऑटो चालक पिता के सपने को पूरा कर दिया है. देहरादून की पूनम टोडी ने उत्तराखंड पीसीएस-जे परीक्षा 2016 को टॉप करके यह कारनामा कर दिखाया है. उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली पूनम टोडी की कहानी सुनकर आप आश्चर्य करेंगे की कैसे उन्होंने संघर्ष करके आज इस मुकाम को हासिल कर लिया.
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सरकारी स्कूल से की शुरुआती पढ़ाई
पूनम के पिता ऑटो चलाकर परिवार का भरणपोषण करते हैं. ऐसे में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से पूनम के लिए पढ़ाई करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. बता दें कि स्कूली एजुकेशन के लिए देहरादून का देश में अलग स्थान है, लेकिन विपरीत परिस्थिति की वजह से पूनम की शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई. इससे ये साबित होता है कि पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं आपका अपने ऊपर विश्वास भी होना बेहद जरूरी है. पूनम ने सरस्वती विद्या मंदिर से 7वीं और महादेवी कन्या पाठशाला इंटर कालेज से 10वीं तक की पढ़ाई की. पूनम ने डीएवी इंटर कालेज से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. डीएवी पीजी कालेज देहरादून से बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी भी पास किया. पूनम फिलहाल गढ़वाल यूनिवर्सिटी से एलएलएम कर रही हैं.
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पिता अशोक कुमार टोडी 10वीं पास
पिता अशोक कुमार टोडी 10वीं पास हैं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के पढ़ाई के वो सबकुछ किया जो एक पिता के तौर पर उन्हें करना चाहिए था. अशोक कुमार की पहले टिहरी में किराने की दुकान थी लेकिन वहां बांध बनने की वजह से वे देहरादून आ गए. देहरादून में दुकान शुरू की लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. ऐसे में घर चलाने के लिए उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया. अशोक कहते हैं कि जिम्मेदारियों की वजह से वो पढ़ नहीं पाए लेकिन उनका सपना था कि बच्चों को वो जरूर पढ़ाएंगे. इसलिए उन्होंने जी तोड़मेहनत करके ऑटो चलाया और जो भी पैसा कमाया बच्चों को पढ़ाने में खर्च कर दिया. उनके सभी चार बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल कर चुके हैं. हालांकि जब उनकी तीसरे नंबर की बेटी पूनम जब जज बनी तो उनकी आंखें नम हो गईं. उनका कहना है कि बच्चों को पढ़ाने में उनकी पत्नी ने काफी सहयोग किया है.
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पिता अशोक कुमार टोडी कहते हैं कि पूनम करीब 4 साल से पीसीएस जे तैयारी कर रही हैं. पूनम ने एलएलबी करने के बाद दिल्ली में कोचिंग भी की और उसके बाद देहरादून वापस आकर तैयारी शुरू कर दी. पूनम टोडी ने दो बार उत्तराखंड पीसीएस जे परीक्षा में सफलता पाई है और मुख्य परीक्षा तक पहुंचने के बाद इंटरव्यू भी दिया है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. हालांकि पूनम ने उत्तर प्रदेश में सहायक अभियोजन अधिकारी की परीक्षा पास कर ली. हालांकि उन्होंने अभी उसे ज्वाइन नहीं किया है. पूनम टोडी ने तीसरी बार उत्तराखंड पीसीएस जे की परीक्षा दी और आखिरकार जज बन गईं.
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