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IIT, Delhi ने की Start Up को प्रमोट करने के लिए अनोखी पहल, छात्रों को दी Safe Future की गारंटी भी

पॉलिसी ऑप्ट करने के बाद अपने फ्यूचर के बारे में सोचने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि यदि आप 2 साल में सक्सेसफुल नहीं हुए तो फिर आप दुबारा से प्लेसमेंट के लिए अप्लाई कर सकेंगे.

Updated on: 13 Sep 2019, 01:59 PM

highlights

  • Indian Institute of Technology, Delhi स्टार्ट अप कल्चर को प्रमोट करने के लिए ला रहा है Deferred Programme.
  • 2 साल में सक्सेसफुल नहीं हुए तो फिर आप दुबारा से प्लेसमेंट के लिए अप्लाई कर सकेंगे.
  • स्टार्ट अप की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये स्कीम एक बड़ा सपोर्ट साबित होगी.

नई दिल्ली:

IIT, Delhi is launching Deferred Programme to Promote Start Up Culture: Indian Institute of Technology, Delhi अपने स्टूडेंट्स में Startup कल्चर को प्रमोट करने के लिए एक खास प्रोग्राम लेकर आया है जिसका नाम रखा गया है Deferred Placement Program. इस प्रोग्राम के तहत IIT, Delhi के छात्रों को मौका दिया जाएगा कि वो एक सक्सेसफुल स्टार्ट-अप (Successful Start-up) खड़ा कर सकें. इसके लिए आईआईटी दिल्ली, स्टूडेंट्स को सभी प्रकार से सहायता भी करेगा. आइये आपको बताते हैं कि इस वेंचर में आईआईटी दिल्ली अपने स्टूडेंट्स की कैसे मदद करेगा.

इस पॉलिसी की खास बात यह है कि आपको पॉलिसी ऑप्ट करने के बाद अपने फ्यूचर के बारे में सोचने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि यदि आप 2 साल में सक्सेसफुल नहीं हुए तो फिर आप दुबारा से प्लेसमेंट के लिए अप्लाई कर सकेंगे. स्टार्ट अप की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये स्कीम एक बड़ा सपोर्ट साबित होगी.

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आइये जानते हैं इस पॉलिसी के बारे में कुछ खास बातें-

  • जो छात्र एक स्टार्टअप में रुचि रखते हैं, वे अपने पूर्व-अंतिम वर्ष के दूसरे सेमेस्टर में स्थगित प्लेसमेंट के लिए आवेदन करेंगे, अर्थात् उनके प्लेसमेंट सेमेस्टर से पहले एक सेमेस्टर में अप्लाई करना होगा.
  • उनके स्टार्टअप प्रपोजल को रिव्यू किया जाएगा और उसमें जो भी कमियां होंगी वो बताई जाएंगी.
  • इस प्रोग्राम में स्टूडेंट्स की लिमिट नहीं होगी. मतलब ये कि ऐसा नहीं होगा कि इस स्कीम को ऑप्ट करने के लिए 10 या 20 सीट हों.
  • एक सब कमेटी स्टू़डेंट के द्वारा लिए गए हर स्टेप को एनलाइज करेगी.
  • अगर दो साल के अंदर स्टूडेंट को लगता है कि उसका स्टार्ट अप सक्सेसफुल नहीं होता तो स्टूडेंट वापस आकर प्लेसमेंट के लिए आवेदन कर सकेंगे.इस स्कीम में उन स्टूडेंट्स को ज्यादा प्रीफरेंस दी जाएगी जो पहले से entrepreneurial activity में इंवाल्व रहे हैं.

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2014 में हुए स्टूडेंट अफेयर काउंसिल की मीटिंग में डिसाइड किया गया था कि 2015-16 के लिए इस पॉलिसी को ट्रायल बेसिस पर लागू किया जाएगा. इस पालिसी का फीडबैक अच्छा आने के कारण इस पॉलिसी को आगे लागू किया जाएगा.

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