ऐसा हुआ तो.. स्टूडेंट्स साल में दो बार देंगे बोर्ड एग्जाम
मंत्रालय के अनुसार इसका स्कूली शिक्षा पर हानिकारक प्रबाव पड़ता है. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद 2022 तक मूल्यांकन में परिवर्तन के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगा.
New Delhi:
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा को लेकर मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली को दोषपूर्ण बताया है. मंत्रालय के अनुसार इसका स्कूली शिक्षा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद 2022 तक मूल्यांकन में परिवर्तन के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगा.
एनसीईआरटी 14 सालों के बाद नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क की समीक्षा करेगा और नए फ्रेमवर्क के मुताबिक मूल्यांकन का दिशानिर्देश तैयार करेगी. नई एजुकेशन पॉलिसी में परीक्षा को आसान बनाने का सुझाव दिया गया है. किसी भी ऐकडेमिक ईयर में छात्रों को दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जा सकती है.
यह भी पढ़ें- शिंजो आबे से पीएम नरेंद्र मोदी ने की मुलाकात, आज RCEP शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
ड्राफ्ट में प्रस्ताव दिया गया है, 'मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली के हानिकारक प्रभावों को समाप्त करने के लिए समग्र विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा. छात्रों को उनकी व्यक्तिगत रूचि के मुताबिक कई विषयों के चुनाव का विकल्प होगा.'
बता दें भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के आम चुनाव के दौरान नई शिक्षा नीति को अपने घोषणापत्र का हिस्सा बनाया था.
मौजूदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1986 में तैयार किया गया था. उसमें 1992 में संशोधन किया गया था. तब से एक ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल हो रहा था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें