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अजब-गजब इंडियाः अंतरिक्ष से भी दिखती थी कुंभ मेले की छटा, साइकिल पर पहला सैटेलाइट

भारत को यूं ही नहीं आश्चर्यों से भरी धरती कहा जाता है. यह चमत्‍कारों का देश है और यहां चमत्‍कार को नमस्‍कार किया जाता है.

Updated on: 14 Jan 2019, 02:08 PM

नई दिल्‍ली:

भारत को यूं ही नहीं आश्चर्यों से भरी धरती कहा जाता है. यह चमत्‍कारों का देश है और यहां चमत्‍कार को नमस्‍कार किया जाता है. गणेशजी की मूर्तियां कभी दूध पीने लगती हैं तो कभी जमीन फाड़कर शिव की प्रतिमा निकल आती है. यहां कई मानव निर्मित और प्राकृतिक चमत्कार मौजूद हैं जो कभी लोगों को भयभीत तो कभी अचंभित करते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही कुछ अविश्वसनीय चीजों के बारे में जिन्‍हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे..

कुंभ मेले की भीड़ अंतरिक्ष से भी दिखती थी

इस साल उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेला लगा है. यहां करोड़ो लोग आते हैं. संगम में डुबकी लगाते हैं. लोगों की ऐसी ही भी 2011 के कुंभ में भी उमड़ी थी. साल 2011 में संगम के तट पर आयोजित कुंभ मेले में पूरी दुनिया की ऐसी भीड़ जुटी थी कि इस भीड़ को अंतरिक्ष से भी देखा गया था.

तैरता हुआ डाकघर

भारत में डाक का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जहां 1,55,015 डाकघर हैं. एक अकेला डाकघर लगभग 7,175 लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है. देश के ऐसे डाकघर में श्रीनगर के डल झील का डाकखाना भी शामिल है. यह तैरता हुआ डाकघर है और इसकी शुरुआत साल 2011 में हुई थी.

दुनिया में दूसरे सबसे अधिक अंग्रेजी बोलने वाले भारत में हैं

अंग्रेजी भले ही पैदा ब्रिटेन में हुई हो लेकिन इसको चाहने वाले या यूं कहे इसे बोलकर इतराने वाले इंडियन हैं. अब इसे अंग्रेजों का प्रभाव कहें या फिर अंग्रेजी बोलने पर मिलने वाले बेहतर रोजगार, मगर भारत अंग्रेजी बोलने वालों के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर आता है.

शैंपू का आविष्कार भारत में हुआ है

आज रोजमर्रा की जिंदगी में शैंपू के महत्‍व से हम सभी वाकिफ हैं. शैंपू के बिना अपना स्‍नान अधूरा लगता है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि शैंपू का अविष्‍कार भारत में ही हुआ. यकीन नहीं होता न. हो सकता है कि आप इस फैक्ट को जानकर थोड़े अचंभित हुए हों, क्योंकि पहले लोग मिट्टी से बाल धुलने में यकीन रखते थे, मगर शैंपू शब्द संस्कृत भाषा के चंपू शब्द से निकला है. चम्पू का अभिप्राय मसाज से है.

दुनिया में सबसे अधिक बारिश वाली जगह

भारत के मेघालय प्रांत के खासी पहाड़ियों पर स्थित मौसिनराम नामक जगह में इतनी बारिश होती है कि एक आम आदमी इनकी कल्पना तक नहीं कर सकता. इससे पहले यह रिकॉर्ड मेघालय के चेरापूंजी के नाम था.

दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड

भारत के अजीबो-गरीब किस्‍सों की बात हो और इसमें क्रिकेट न हो ये हो ही नही सकता. चायल हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा स्थान है जहां एक मिलिट्री स्कूल भी है. इसे साल 1893 में बनाया गया था और 2,444 मीटर के ऐल्टिट्यूड पर यह पूरी दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड है.

चंद्रमा पर भारत ने ही पानी खोजा था

भारत चंद्रयान भेजने जा रहा है. राकेश शर्मा चांद पर कदम रखने वाले पहले भारतीय थे. लेकिन शर्मा के चांद पर कदम रखने के वर्षों बाद भारत ने चांद पर पानी खोजा. यह बात है सितंबर 2009 की. भारत के चंद्रयान नामक सैटेलाइट ने चंद्रमा के मिनरलॉजी मैपर की मदद से चंद्रमा के सतह पर पहली बार पानी खोज निकाला था.

स्विटजरलैंड में साइंस डे भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित है

भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को लोग मिसाइल मैन कहते हैं. कलाम साहब भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी 'अग्‍नि की उड़ान' देश के करोड़ों युवाओं के लिए पथ प्रदर्शक है. कलाम साहब की इज्जत सिर्फ हमारे देश में ही नहीं है, बल्कि दुनिया भर में उनके दीवाने हैं. मई 26 को वहां साइंस डे के तौर पर बनाया जाता है.

भारत के पहले राष्ट्रपति सिर्फ आधी सैलरी लेते थे
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को आजाद भारत का एक ऐसा राष्ट्रपति माना जाता है जो जीवनपर्यंत जमीन से जुड़ा रहा. अपने खांटीपन के लिए मशहूर यह शख्स राष्ट्रपति को दी जाने वाली तनख्वाह 10,000 का सिर्फ 50 फीसद हिस्सा ही लेता था.

भारत के पहले रॉकेट को साइकिल पर ले जाया गया था


APPLE को 13 अगस्त, 1981 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने राष्ट्र को समर्पित किया था. प्रधान मंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से APPLE के मॉडल को संचार मंत्री को सौंप दिया और कहा कि APPLE ने 'भारत के उपग्रह इतिहास की सुबह' को चिह्नित किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का पहला रॉकेट APPLE इतना हल्का था कि इसे लॉन्चिंग स्टेशन पर साइकिल के करियर पर रख कर ले जाया गया था.