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चीन में अमेरिकी कंपनियों को हो रही परेेशानी, एशिया-प्रशांत में निवेश का हब बन सकता है भारत: अमेरिकी राजदूत

नरेंद्र मोदी सरकार के एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) सुधारों की झड़ी लगाए जाने के बाद नई दिल्ली में तैनात अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत के साथ आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी करेगा।

Updated on: 11 Jan 2018, 09:37 PM

highlights

  • नई दिल्ली में तैनात अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत के साथ आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी करेगा
  • केनेथ आई जस्टर ने कहा कि अमेरिका फर्स्ट और मेक इन इंडिया के बीच किसी तरह की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी सरकार के एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) सुधारों की झड़ी लगाए जाने के बाद नई दिल्ली में तैनात अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका आने वाले दिनों में भारत के साथ आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी करेगा।

केनेथ आई जस्टर ने कहा कि अमेरिका फर्स्ट और मेक इन इंडिया के बीच किसी तरह की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका फर्स्ट और मेक इन इंडिया एक दूसरे के विरोधी नहीं है। बल्कि दोनों देशों में परस्पर निवेश करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। इससे आर्थिक गतिविधि और व्यापार में बढ़ोतरी होगी।'

गौरतलब है कि सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दिए जाने के बाद मोदी सरकार मेक इन इंडिया को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सिंगर ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई से स्थानीय कारोबार पर असर होगा। 

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जस्टर ने इस दौरान चीन में काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के सामने आ रही परेशानियों का जिक्र करते हुए भारतीय कंपनियों को इस मौके का फायदा उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार चीन में अमेरिकी कंपनियों को काम करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और भारत व्यापार और निवेश के जरिए इसका रणनीतिक फायदा उठा सकता है।

उन्होंने कहा, 'भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी बिजनेस का वैकल्पिक केंद्र बन सकता है।' इस दौरान अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता की भी वकालत की।

उन्होंने कहा, 'हम एनएसजी के अन्य सदस्यों के साथ भारत क सदस्यता के लिए बातचीत कर रहे हैं।' गौरतलब है कि चीन इस क्लब में भारत के प्रवेश का लगातार विरोध कर रहा है।

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