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मौजूदा हालात में 7-8 % ग्रोथ रेट इकनॉमी के लिए चिंता की बात नहीं, नोटबंदी से नहीं हुआ कोई असर: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा GST, नोटबंदी और भ्रष्टाचार का खात्मा, मोदी सरकार के तीन साल के तीन बड़े आर्थिक सुधार रहे हैं।

Updated on: 01 Jun 2017, 01:33 PM

highlights

  • GST, नोटबंदी और भ्रष्टाचार का खात्मा, मोदी सरकार के तीन साल के तीन बड़े आर्थिक सुधार: जेटली
  • जेटली ने कहा मौजूदा वैश्विक स्थिति में 7-8 फीसदी की विकास दर अपेक्षाकृत ठीक-ठाक रही है

New Delhi:

मोदी सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कामकाज का लेखा-जोखा रखते हुए कहा कि पिछले तीन साल आर्थिक मोर्चे के लिहाज से काफी संवेदनशील रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में 7-8 फीसदी का विकास दर बहुत बुरा नहीं है। 

जेटली ने कहा कि पिछले तीन साल के दौरान दुनिया मंदी की स्थिति से गुजर रही थी। इस दौरान देश के निर्यात पर असर पड़ा और वहीं कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने संरक्षणवाद की नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया। इसके अलावा भू-राजनैतिक स्थितियों की वजह से भी भारत की वृद्धि दर असर पड़ा।

पिछले वित्त वर्ष के 7.1 फीसदी के मुकाबले 2016-17 की चौथी तिमाही में देश की विकास दर के कम होकर 6.1 फीसदी होने के पीछे नोटबंदी के कारण को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालात में 7-8 फीसदी की आर्थिक विकास दर अपेक्षाकृत ठीक है।

जेटली ने जॉबलेस ग्रोथ को विपक्ष का प्रचार बताकर खारिज करते हुए कहा, 'वित्त मंत्री ने कहा नोटबंदी और जीएसटी के बाद विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए वह अब जॉबलेस ग्रोथ का मु्द्दा उठा रहा है।'

नोटबंदी के फैसले के बाद कई रेटिंग एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग में कटौती की थी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले को आर्थिक आपदा करार देते हुए कहा था, 'इस फैसले से जीडीपी में 2 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।'

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जेटली ने इस मौके पर पिछले यूपीए सरकार के कार्यकाल के बाद मिली खराब अर्थव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पहले फैसले नहीं लेने वाली सरकार थी और इस वजह से तीन सालों का कार्यकाल बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।

वित्त मंत्री ने कहा कि पहले तीन सालों में से दो साल मानसून की भी स्थिति भी खराब रही, लेकिन मोदी सरकार ने निर्णय लेने की क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अर्थव्यवस्था में भरोसे को बहाल किया।

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इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में सरकार ने गैर-जरूरी दखल को खत्म करने की कोशिश की, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आई। सबसे अहम बदलाव, नीति निर्माण की प्रक्रिया को बदलना था। सरकार की प्राथमिकता वैसै नीतियों के निर्माण में थी, जिससे आर्थिक वृद्धि को रफ्तार मिल सके।

वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पहले दो सालों में हमें दुनिया में सबसे अधिक एफडीआई मिला और साथ ही निजी खर्च को बढ़ाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू कर राज्यों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया गया।

कर सुधार में बड़ी छलांग

जीएसटी लागू करने की दिशा में मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए जेटली ने कहा कि इस एक्ट के लागू होने के बाद देश की आर्थिक व्यवस्था में बड़ी क्रांति आएगी।

जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू किया जाना है। सरकार जीएसदी दरों को लेकर लगभग सहमति बना चुकी है और करीब 90 फीसदी गुड्स और सर्विसेज की दरें तय की जा चुकी हैं।

नोटबंदी से बनी नई जमीन

नोटबंदी की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि इससे डिजिटलीकरण में तेजी आई है और साथ ही टैक्स देने वालों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद अब लोगों को यह लग चुका है कि कैश में लेन-देन सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑपरेशन क्लीन मनी की शुरूआत कर भारतयी अर्थव्यवस्था में भरोसे और पारदर्शिता की स्थिति बहाल की है।

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