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घरेलू संकेतों के दम पर शेयर बाजार की शानदार छलांग, 600 अंक उछला सेंसेक्स-RBI ने घटाया महंगाई अनुमान

ग्लोबल ट्रेड वार के साथ अन्य वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को शानदार छलांग लगाई।

Updated on: 05 Apr 2018, 06:45 PM

highlights

  • वैश्विक संकेतों को दरकिनार कर शेयर बाजार ने घरेलू संकेतों के दम पर लगाई शानदार छलांग
  • आरबीआई के फैसले के बाद सेंसेक्स में शानदार 600 अंकों की तेजी, निफ्टी में भी शानदार उछाल

नई दिल्ली:

ग्लोबल ट्रेड वार के साथ अन्य वैश्विक संकेतों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को शानदार छलांग लगाई।

मजबूत घरेलू संकेतों ने वैश्विक चिंताओं को दरकिनार कर बाजार को सपोर्ट दिया और फिर सेंसेक्स ने शानदार 577 अंकों की छलांग लगाई।

गुरुवार को सेंसेक्स 577.73 अंकों की मजबूती के साथ 33,596.80 अंक पर बंद हुआ जबकि 50 शेयरों वाला नैशनल स्टॉकएक्सचेंज का निफ्टी 1.94 फीसदी की मजबूती के साथ 196.75 अंक चढ़कर 10,325.15 पर बंद हुआ।

RBI के फैसले से उछला बाजार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए जाने और चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान घटाए जाने ने बाजार को मजबूती दी।

इसके साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर में तेजी आने की उम्मीद जताई है, जिसने निवेशकों की शंकाओं को दूर करने का काम किया।

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आरबीआई ने जहां लगातार चौथी मौद्रिक समीक्षा बैठक के दौरान भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए उसने महंगाई के अनुमान को भी कम कर दिया है।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लि 4.7-5.1 फीसदी जबकि दूसरी छमाही के लिए 4.4 फीसदी महंगाई दर का अनुमान रखा है।

आरबीआई के फैसले के बाद रेपो रेट 6 फीसदी ही रहेगा। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी पहले की ही तरह 5.75 फीसदी ही रहेगा।

जीडीपी में भी आएगी मजबूती

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आने की उम्मीद जताई है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे सुधारों के बाद अब देश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत दिखाई देने लेगे हैं।

आरबीआई ने पहली छमाही में देश की जीडीपी के मजबूत होकर 7.4 फीसदी जबकि दूसरी छमाही में इसके 6.6 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।

वहीं इस साल मानसून के सामान्य रहने के अनुमान ने भी बाजार को उछाल दिया। निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक इस बार देश में मानसून सामान्य रहेगा।

गौरतलब है कि दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिकी और चीन के बीच शुरू हुई ट्रेड वार का असर एशियाई बाजारों पर दिखने लगा है। इसके साथ ही फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की आशंका ने भी निवेशकों के रुख को प्रभावित करने का काम किया है।

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