डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 68.86 पर, आरबीआई ने दिया दखल
गुरूवार को डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर 68.86 के स्तर पर जा पहुंचा। उभरती इकनॉमी से बाहर जाते निवेश और डॉलर की बढ़ी मांग के कारण रुपये में रिकॉर्ड गिरावट आई है।
highlights
- गुरूवार को डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर 68.86 के स्तर पर जा पहुंचा
- 28 अगस्त 2013 के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है
New Delhi:
रुपया पिछले 39 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। गुरूवार को डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर 68.86 के स्तर पर जा पहुंचा, जिसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दखल देना पड़ा।
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की अर्थव्यवस्था और मज़बूत होने के संकेत मिले हैं जिसकी वजह से डॉलर को सपोर्ट मिला है। जबकि नोटबंदी से घरेलू बाजार में रुपये पर दोहरा दबाव है। इस महीने के दौरान रुपए में करीब 3.5 फीसदी की कमजोरी आ चुकी है।
जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में रूपये में और भी गिरावट देखि जा सकती है।
28 अगस्त 2013 के बाद रुपये में आई यह सबसे बड़ी गिरावट है। अगस्त 2013 में डॉलर के मुकाबले रुपया 68.80 के स्तर पर था और गुरुवार को यह दिन भर के कारोबार के भीतर फिसलकर 68.85 के स्तर पर चला गया।
रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट के बाद आरबीआई को दखल देना पड़ा जिसके बाद रूपया थोड़ा संभलकर 68.83 पर बंद हुआ। नवंबर महीने में रुपये की सेहत में अभी तक 3 फीसदी की गिरावट आई है जो 2015 के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में आई बड़ी गिरावट है।
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उभरती अर्थव्यवस्थाओं से निवेश का निकलना जारी है। अमेरिकी बॉन्ड दरों में आई तेजी और अमेरिकी स्टॉक में बढ़े निवेश के बाद उभरती इकनॉमी से फंड का निकलना जारी है और इसका सीधा असर इन देशों की करेंसी पर पड़ रहा है।
माना जा रहा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका में महंगाई में बढ़ोतरी होगी और इससे ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। इससे आने वाले दिनों में अमेरिकी बॉऩ्ड की दरों में इजाफा होने की संभवना है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें