महंगाई में गिरावट से राहत, औद्योगिक उत्पादन में कमजोरी ने बढ़ाई चिंता
मार्च महीने में उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिली है। मार्च में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) कम होकर 4.28 फीसदी हो गई।
highlights
- मार्च महीने में उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिली है
- मार्च में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) कम होकर 4.28 फीसदी हो गई
नई दिल्ली:
महंगाई के मोर्चे पर जहां उपभोक्ताओं को मार्च में राहत मिली है वहीं आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आई है।
मार्च महीने में जहां खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) में आई कमी ने राहत दी है वहीं औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में जनवरी के मुकाबले आई गिरावट ने चिंता बढ़ाने का काम किया है।
फरवरी जहां आईआईपी की दर 7.1 फीसदी रही वहीं मार्च में महंगाई कम होकर 4.28 फीसदी हो गई।
महंगाई दर में लगातार यह तीसरे महीने आई गिरावट है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों समेत खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में आई कमी की वजह से महंगाई में नरमी आई।
फरवरी महीने में महंगाई दर 4.44 फीसदी रही थी।
हालांकि मार्च में महंगाई की दर पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अधिक है।
केंद्रीय सांख्यिकी आयोग की तरफ से जारी आंकड़़ों के मुताबिक मार्च महीने में सब्जियों की कीमतें पिछले महीने के 17.57 फीसदी के मुकाबले कम होकर 11.7 फीसदी हो गई।
गौरतलब है कि नवंबर 2017 में जहां आईआईपी की दर 8.54 फीसदी थी और यह दिसंबर 2017 में कम होक 7.1 फीसदी हो गई। वहीं संशोधिक आंकड़ों के मुताबिक यह जनवरी में बढ़कर 7.4 फीसदी हो गई जबकि फरवरी में फिर से यह फिसलते हुए
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान अप्रैल से फरवरी के दौरान आईआईपी की दर 4.7 फीसदी से कम होकर 4.3 फीसदी हो गई थी।
मार्च महीने में उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिली है। मार्च में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) कम होकर 4.28 फीसदी हो गई।
RBI ने नहीं घटाई दरें
गौरतलब है कि महंगाई में इजाफा होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की पहली समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।
खुदरा महंगाई दर के आधार पर ही रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दर ब्याज दरों को तय करता है।
लगातार चौथी समीक्षा बैठक में आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया था।
इसके साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 के पहली छमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 4.7-5.1 और दूसरी छमाही के लिए इसे घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया था।
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.3-7.4 फीसदी जबकि दूसरी छमाही के दौरान इसके 7.3-7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
और पढ़ें: RBI ने नहीं किया ब्याज दरों में बदलाव, घटाया महंगाई दर का अनुमान
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