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इकॉनमिक ग्रोथ पर भारत को अपनी पीठ थपथपाने का हक नहीं: राजन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि नोटबंदी के बाद चीन की आर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ने की उपलब्धि पर भारत को इतराना नहीं चाहिए।

Updated on: 09 Sep 2017, 05:12 AM

highlights

  • पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने कहा आर्थिक ग्रोथ के मामले में भारत को इतराने का हक नहीं
  • राजन ने कहा भारत को अगले दस सालों तक 8-10 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की जरूरत

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि नोटबंदी के बाद चीन की आर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ने की उपलब्धि पर भारत को इतराना नहीं चाहिए।

राजन ने कहा, '10 सालों तक 8-10 फीसदी की ग्रोथ रेट से आगे बढ़े बिना अपनी पीठ थपथपाना अच्छी बात नहीं है।'

उन्होंने कहा, 'हम दुनिया को सांस्कृतिक उपलब्धि, ऐतिहासिक उपलब्धि और अन्य मामलों में प्रवचन दे सकते हैं लेकिन ग्रोथ के मामले में लेक्चर नहीं दे सकते। ग्रोथ के मामले में हम तभी लेक्चर दे सकते हैं जब अगले 10 सालों तक 8-10 फीसदी की दर से आगे बढ़ते रहे।'

राजन इससे पहले भी सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर निशाना बनाते हुए कहा था कि भारत 'अंधों में काना राजा' है।

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उन्होंने कहा, 'हम 1990 के बाद से 6-7-8 फीसदी की रफ्तार से आगे नहीं बढ़े है। हमें दस सालों तक इससे ज्यादा तेज गति से आगे बढ़ने की जरूरत है। फिर हम बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। हमें अपनी पीठ खुद नहीं थपथपानी चाहिए।'

राजन ने 2008 में वैश्विक मंदी की भविष्याणी की थी। उन्होंने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी बहुत छोटी है। यह 2.5 लाख अरब डॉलर का है लेकिन फिर भी हमें लगता है कि हम बड़ी अर्थव्यवस्था है।'

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