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दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है भारत: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है.

Updated on: 20 Jun 2019, 02:22 PM

highlights

  • GDP के संदर्भ में भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है: राष्ट्रपति
  • भारत का 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
  • किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिए पिछले पांच साल में कई कदम उठाए

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है. संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि दर को बनाये रखने के लिये सुधार प्रक्रिया जारी रहेगी.

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2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि GDP के संदर्भ में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है. कोविंद ने कहा कि लोगों के जीवनस्तर में सुधार में आर्थिक विकास अहम भूमिका निभाता है. आज भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. मुद्रास्फीति कम है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है. विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव बिल्कुल साफ है.

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किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिए कई कदम उठाए
कृषि के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिए पिछले पांच साल में कई कदम उठाए गए हैं. इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाना और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्षण विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी शामिल है. इसके अलावा दशकों से अटकी सिंचाई परियोजनाओं का पूरा किया गया है और फसल बीमा योजना लागू की गई है.

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राष्ट्रपति ने कहा कि इस कड़ी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि महत्वपूर्ण है. इसके जरिए सिर्फ 3 महीने में 12,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. इस योजना के दायरे में अब सभी किसानों को लाया गया है. इस पर सालाना 90,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.

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राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने किसानों के लाभ के लिये कृषि नीति को उत्पादन के साथ आय केंद्रित बनाया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से एक देश, एक कर, एक बाजार की सोच साकार हुई है. हम जीएसटी को और अधिक सरल बनाने के प्रयास जारी रखेंगे. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डीबीटी की वजह से अब तक 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं. लगभग 8 करोड़ गलत लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं.

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कोविंद ने कहा कि काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा. पिछले 2 वर्ष में 4 लाख 25 हजार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हजार संदिग्ध कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है.