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पीएम मोदी ने माना जीडीपी घटी, लेकिन निराश होने की ज़रूरत नहीं, सरकार बदलेगी रुख़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना कि पिछली तिमाही में विकास दर में गिरावट आई है लेकिन निराश होने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इस ट्रेंड को उलट देगी।

Updated on: 04 Oct 2017, 11:12 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने माना कि पिछली तिमाही में विकास दर में गिरावट आई है लेकिन निराश होने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इस ट्रेंड को उलट देगी। उन्होंने नोटबंदी को बड़ा कदम बताते हुए कहा कि इसका सकारात्मक असर सामने आ रहा है।

अपने एक घंटे के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीए सरकार के ट्रैक रेकॉर्ड और अपनी सरकार के आर्थिक फैसलों की तुलना करते हुए विपक्ष के एक-एक आरोपों का जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार आलोचनाओं का स्वागत करती है और जब भी जरूरत होगी वो सुधार के लिये कदम उठाएगी। 

उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को निराशा फैलाए बिना चैन की नींद नहीं आती। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में उन्होंने विपक्ष के सवालों का आंकड़ों के साथ जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने माना कि पिछली तिमाही में विकास दर में कमी आई है लेकिन चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, 'ये बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में कमी दर्ज की गई। लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।'

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उन्होंने विपक्ष और आलोचकों को पिछली सरकार के समय के दौरान विकास दर और आर्थिक स्थिति की याद दिलाते हुए कहा, 'पिछली सरकार में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5% से नीचे आई थी, इकोनॉमी ने ऐसा वक्त भी देखा जब विकास दर 0.2% तक गिरी थी।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'जीडीपी में एक तिमाही की गिरावट लोगों को बहुत ज्यादा लग रही है, पहली बार विकास दर 5.7% हुई क्या, पुरानी बातें न भूलें।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी वोट पाने के लिये देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते। 

उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि रेवड़ी बांटने के बजाय, लोगों और देश को सशक्त करने के काम में, कई बार मुझे आलोचना का भी सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं अपने वर्तमान की चिंता में, देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने टैक्स समझौतों में बदलाव किये गए हैं ताकि विदेश में जमा कालेधन को वापस लाया जा सके। साथ ही कहा कि देश में अर्थव्यवस्था को विपरीत दिशा में ले जाने वाले पैरामीटर में सुधार आया है और देश का आर्थिक विकास सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों को तभी अच्छी नींद आती है जबतक कि वो निराशा न फैलाएं। ऐसे लोगों की पहचान की जानी ज़रूरी है।'

उन्होंने कहा कि देश में विदेशी निवेश की स्थिति बेहतर हुई है। ऐसे लोगों का अर्थव्यवस्था में विकास होता नहीं दिख रहा है।

उन्होंने कहा, 'विदेशी निवेशक देश में रिकॉर्ड विदेशी निवेश कर रहे हैं, विरोधियों को डाटा जब अनुकूल नहीं लगता तो संस्था, सरकार पर सवाल उठाने लगते हैं.....देश के आर्थिक क्षेत्र को खोलने के बाद से लेकर अब तक जितना विदेशी निवेश भारत में हुआ है, उसकी तुलना अगर पिछले तीन वर्षों में हुए निवेश से करें, तो आपको पता चलेगा कि हमारी सरकार जो नीतियां बना रही है, उसका नतीजा क्या मिल रहा है।'

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उन्होंने नोटबंदी को एक बड़ा फैसला करार दिया। उन्होंने कहा, 'नोटबंदी के बाद कैश और जीडीपी के अनुपात घटा है... और अब ये 9 फीसदी पर आ गया है। 8 नवंबर 2016 से पहले ये 12 प्रतिशत से अधिक होता था।'

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, 'मेहनत से कमाए गए आपके एक एक पैसे की कीमत ये सरकार समझती है। इसलिए सरकार की नीतियों और योजनाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि वो गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी तो आसान बनाएं हीं, उनके पैसों की भी बचत कराएं।'

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हिम्मत दिखाते हुए जीएसटी लागू किया और नोटबंदी जोसे फैसले लिये।  

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