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मोदी सरकार की कोशिश, रोजगार के मौके बढ़ाने की तैयारी

मोदी सरकार बेरोजगारी को दूर करने के लिए बड़ा एक्शन प्लान बनाने जा रही है। अपने तीन साल के कार्यकाल को पूरा होने वाले मौके को देखते मोदी यह योजना बना रही है।

Updated on: 09 May 2017, 01:29 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार बेरोजगारी को दूर करने के लिए बड़ा एक्शन प्लान बनाने जा रही है। अपने तीन साल के कार्यकाल को पूरा होने वाले मौके को देखते मोदी यह योजना बना रही है।

इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मंत्रालयों को आदेश दिया है कि कैबिनेट को भेजे जाने वाले सभी प्रस्तावों में यह जानकारी जरूर दें कि उन प्रस्तावों पर अमल में लाने से रोजगार के कितने मौके पैदा होंगे।

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान देश के 1 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन बीते इन तीन सालों में नौकरी मोदी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।

अब सरकार इस मोर्चे पर काम करने के लिए मुस्तैद हो रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बताया कि जिस भी प्रस्ताव के साथ कुछ खर्च जुड़ा होगा, उससे देश में रोजगार निर्माण होना ही चाहिए और ऐसे प्रस्ताव के साथ जॉब्स एस्टिमेट दिया जाना चाहिए।

सीतारमण ने बताया, 'जब भी कोई प्रस्ताव चर्चा के लिए आता है तो प्रधानमंत्री कैबिनेट बैठक में पूछते हैं कि रोजगार के कितने मौके बनेंगे?' 

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इसके लिए आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार के मौके बनने की रफ्तार बढ़ाने के लिए नीति आयोग ने तीन साल का ऐक्शन प्लान पेश किया है, जिसमें विभिन्न सेक्टरों में रोजगार पैदा कने की बात कही गई है।

सीआईआई के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2012 से 2016 के बीच भारत में रोजगार के 1.46 करोड़ मौके बने थे। जबकि क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 लाख से ज्यादा लोग हर महीने देश के जॉब मार्केट में रोजगार तलाशने आते हैं।

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