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अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत तो फिर क्यों दिया प्रोत्साहन: चिदंबरम

केंद्र सरकार के अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत होने के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं।

Updated on: 29 Oct 2017, 05:44 PM

highlights

  • केंद्र सरकार के अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत होने के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं
  • चिदंबरम ने पूछा कि अगर अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है तो फिर से प्रोत्साहन की क्या जरूरत है

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत होने के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं।

केंद्र के दावे को खारिज करते हुए चिदंबरम ने कहा, 'अगर अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और वह 7.5 फीसदी की दर से आगने बढ़ रही है तो फिर से प्रोत्साहन की क्या जरूरत है!'

चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को दिए जाने वाले ऐसे प्रोत्साहन से न केवल महंगाई में बढ़ोतरी होगी बल्कि राजकोषीय घाटा भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकरा के इस कदम से चालू खाता घाटे में भी इजाफा होगा।

गौरतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) दर 6 फीसदी से नीचे फिसलने के बाद मोदी सरकार आलोचनाओं के घेरे में है।

चिदंबरम ने कहा, 'जनवरी-मार्च 2016 के बाद से तिमाही आधार पर देश की जीडीपी दर 9.1, 7.9, 7.5, 7.0, 6.1 और 5.7 फीसदी रही है।'

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अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को लेकर जारी आलोचनाओं के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली बैंकों में पूंजी डाले जाने के साथ बड़े आर्थिक प्रोजेक्ट की घोषणा कर चुके हैं।

चिदंबरम ने कहा अर्थव्यवस्था 7.5 फीसदी की दर से आगे नहीं बढ़ रही है बल्कि अप्रैल 2016 के बाद से इसमें गिरावट आई है। उन्होंने कहा, 'कोई कारोबारी यह नहीं मान सकता की आज का माहौल बिजनेस को बढ़ाने या शुरू करने के लिहाज से फायदेमंद है।'

उन्होंने कहा कि बैंक एसएमई को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 फीसदी की दर पर कर्ज देते हैं और बैंको के 'पुनर्पूंजीकरण से एसएमई की स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।'

चिदंबरम ने कहा कि सरकार को नोटबंदी जैसे उत्साही फैसले से बचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बस जुमलों की बारिश की है।

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गौरतलब है कि केंद्र आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,11,000 करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराने का ऐलान कर चुकी है वहीं इंफ्रा सेक्टर में खर्च बढ़ाने और रोजगार के मौके पैदा करने के लिए मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट का ऐलान किया जा चुका है, जिसे भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत पूरा किया जाएगा।

भारतमाला प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत सरकार 34,800 किलोमीटर सड़क का निर्माण करेगी, जिसमें 5,35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

हिस्टोरिक रोड बिल्डिंग प्रोग्राम के मुताबिक, 'अगले 5 वर्षों में 6 लाख 92 करोड़ रुपये की लागत से करीब 83,000 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे 14 करोड़ दिनों तक रोजगार के मौके मिलेंगे।'

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