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Online Sale of Medicines : कोर्ट ने लगाई देशभर में रोक, सरकार ने पेश किया मसौदा

Online Sale of Medicines : दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने एक अंतरिम आदेश में देशभर में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी है.

Updated on: 13 Dec 2018, 11:53 AM

नई दिल्‍ली:

Online Sale of Medicines : दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने एक अंतरिम आदेश में देशभर में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाते हुए केन्‍द्र और दिल्‍ली सरकार से इस आदेश पर तुरंत अमल करने को कहा है. वहीं सरकार ने संसद में ऑनलाइन बिक्री के नया मसौदा पेश कर दिया है.

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने त्वचा विशेषज्ञ जहीर अहमद की पीआईएल पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. इस पीआईएल में कहा गया था कि बाजार में ढेर सारी दवाएं बिना किसी नियमन के ऑलनाइन बेची जा रही है.

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जहीर अहमद की तरफ से पेश हुए वकील ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और फार्मेसी एक्ट, 1948 के तहत प्रतिबंधित है.

संसद में नया मसौदा पेश
वहीं सरकार ने संसद में ऑनलाइन बिक्री के नया मसौदा पेश कर दिया है. नए नियम में इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के लिए फार्मेसी काउंसिल से लाइसेंस लेना जरूरी होगा. रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने लोकसभा को में कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऑनलाइन दवाओं और प्रसाधन सामग्री की बिक्री, भंडारण, वितरण से जुड़े नियम का मसौदा पेश किया है.

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मसौदे के तहत ई-फार्मेसी कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर पंजीकृत फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन नंबर और फार्मेसी काउंसिल का ब्योरा देना होगा जहां से वह पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि ड्रग्स एंड प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 में दवाओं की बिक्री या वितरण के लिए बेचने, स्टॉक, प्रदर्शन या पेशकश के प्रावधान हैं. गौरतलब है कि दवा दुकानदार ऑनलाइन फार्मेसी से दवा कारोबार का विरोध कर रहे हैं.