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चुनाव में विपक्ष ने बेरोजगारी को बनाया था मुद्दा, अब सरकार ने की 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी

पिछले टर्म में मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना, किसानों को सीधे रकम जैसी योजनाओं ने गरीबों का काफी फायदा पहुंचाया है. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बजट में इन योजनाओं का दायरा बढ़ा सकती है.

Updated on: 07 Jun 2019, 12:55 PM

highlights

  • केंद्र सरकार बजट में गरीबी, बेरोजगारी को दूर करने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है
  • मोदी सरकार ने गरीबी और बेरोजगारी पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी कर ली है
  • केंद्र सरकार के मुताबिक 50 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल चुका है

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में NDA की सत्‍ता में जोरदार वापसी के बाद सरकार अब बजट पर अपना पूरा ध्यान लगा रही है. 5 जुलाई को संसद में आम बजट पेश होने जा रहा है. केंद्र सरकार बजट में गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है.

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गरीबी और बेरोजगारी पर सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी
मोदी सरकार ने गरीबी और बेरोजगारी पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तैयारी कर ली है. पिछले टर्म में उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना, किसानों को सीधे रकम जैसी योजनाओं ने गरीबों का काफी फायदा पहुंचाया है. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बजट में इन योजनाओं का दायरा बढ़ा सकती है.

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50 करोड़ गरीबों को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ
केंद्र सरकार के मुताबिक 50 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल चुका है. वहीं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और सुरक्षा बीमा योजना का लाभ 21 करोड़ गरीबों को मिल रहा है. स्वच्छ भारत मिशन का लाभ 9 करोड़ परिवारों और उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करें तो डेढ़ करोड़ परिवारों को पक्के घर मिल चुके हैं. ऐसे में सरकार इन योजनाओं से हटकर गरीबी को दूर करने के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है.

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देश के 8 राज्यों में रहने वाले गरीबों की स्थिति दयनीय
गौरतलब है कि 4 महीने पहले अंतरिम बजट के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार के प्रयास से देश में गरीबी कम हो रही है. उन्होंने उस समय कहा था कि सत्ता में दोबारा लौटने के बाद गरीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभियान चलाया जाएगा.

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संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की मानव विकास रिपोर्ट के मुताबिक बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और राजस्थान में गरीबी बड़ी समस्या है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 8 राज्यों में रहने वाले गरीबों की स्थिति अफ्रीकी देश इथोपिया और तंजानिया में रहने वाले गरीबों जैसी ही है.