logo-image

वित्त मंत्री अरुण जेटली का दावा, वित्त वर्ष 2016-17 में 18% बढ़ा टैक्स कलेक्शन, सरकारी राजस्व में ज़बरदस्त उछाल

वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार के टैक्स कलेक्शन में 18 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।

Updated on: 04 Apr 2017, 03:40 PM

नई दिल्ली:

वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार के टैक्स कलेक्शन में 18 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स कलेक्शन 17.10 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एक्साइज़ और इनकम टैक्स के बढ़िया कलेक्शन के चलते सरकार यह आंकड़ा हासिल कर पाई है। 

वित्त मंत्रालय के मुताबिक सरकारी राजस्व में बढ़त के चलते सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सरकार राजस्व घाटा 3.5 प्रतिशत से कम करने में सफल हो पाएगी।

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि, 'वित्त वर्ष 2016-17 में 8.63 लाख करोड़ रुपये के अप्रत्यक्ष कर संग्रह (केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क) 2016-17 की रेवेन्यु अर्निंग की 101.35% की उपलब्धि है'

मैन्युफैक्चरिंग PMI 5 महीने की ऊंचाई पर, नोटबंदी के बाद पटरी पर लौटी ग्रोथ की रफ्तार

बजट 2017-18 के दौरान अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2016-17 के टैक्स लक्ष्य में समीक्षा कर 16.25 लाख रुपये से बढ़ाकर 16.97 लाख करोड़ रुपये रखा था।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि, 'संशोधित अनुमान के मुताबिक, कर संग्रह का अनंतिम आंकड़ा 17.10 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 18% की वृद्धि है।'

इसके अलावा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 14.2 प्रतिशत बढ़कर 8.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जोकि बजट के निर्धारित लक्ष्य के बराबर है। वहीं कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में भी 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि आयकर मे 18.4% की बढ़त हुई है।

हाईवे पर शराबबंदी से घटेगा रोजगार, राज्यों और होटल इंडस्ट्री के राजस्व में 65 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान संभव

अप्रत्यक्ष कर संग्रह 22 प्रतिशत के साथ 8.63 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। जोकि समीक्षा के बाद अनुमानित आकंड़ों का 101.35% है।

वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सेंट्रल एक्साइज़ कलेक्शन 33.9 प्रतिशत बढ़कर 3.83 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जबकि सर्विस टैक्स 20.2 प्रतिशत बढ़कर 2.54 लाख करोड़ रुपये हुआ है और कस्टम 7.4 प्रतिशत बढ़कर 2.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

कारोबार से जुड़ी और ख़बरें जानने के लिए यहां क्लिक करें