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किंगफिशर मामले में बड़े सरकारी और बैंकिंग अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत, जल्द रिपोर्ट सौंपेगा SFIO

देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कई एजेंसियों की जारी जांच की जद में अब कई बैंकों और सरकार के बड़े अधिकारी भी आ गए हैं।

Updated on: 08 Oct 2017, 11:52 PM

highlights

  • किंगफिशर मामले में बड़े सरकारी-बैंकिंग अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत
  • एसएफआईओ किंगफिशर एयरलाइंस मामले में हुई गड़बड़ियों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने वाला है

नई दिल्ली:

देश छोड़कर भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ कई एजेंसियों की जारी जांच की जद में अब कई बैंकों और सरकार के बड़े अधिकारी भी आ गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस कर्ज देने के मामले में नियमों का उल्लंघन किए जाने को लेकर जारी जांच का दायरा अब बढ़ गया है।

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) किंगफिशर एयरलाइंस मामले में हुई गड़बड़ियों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने वाला है।

सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस एवं अधिकारियों द्वारा गलत किये जाने के संकेत दिये हैं तथा कंपनी संचालन में गंभीर गड़बड़ियों का अंदेशा जताया है।

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सूत्रों ने बताया कि एयरलाइंस को बिना पर्याप्त आधार के कर्ज देने में बैंक अधिकारियों की भूमिका तथा माल्या से कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ को जिन भी बैंकों द्वारा खामी मिली है वे सभी जांच के दायरे में हैं।

एक सूत्र ने कहा, 'कंपनी का बही-खाता कभी भी अच्छा नहीं था। उसकी क्रेडिट रेटिंग भी कर्ज देने के लिए आवश्यक स्तर से कम थी। उसके बाद भी बैंकों ने प्रक्रिया को अनदेखा करते हुए कर्ज दिया।'

सूत्रों के अनुसार जांच में यह भी पाया है कि किंगफिशर ब्रांड के मूल्यांकन के संबंध में बैंकों ने एक ही मूल्यांकन के आधार पर कर्ज देने की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। हालांकि इसके लिए कम से कम दो अलग मूल्यांकन रिपोर्ट अनिवार्य था।

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