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जेट एयरवेज की हालत हुई खस्ता, 60 दिनों बाद ऑपरेट करना मुश्किल, कर्मचारियों की 25% तक घटेगी सैलरी

प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जेट एयरवेज किंगफ़िशर की राह पर चल पड़ी है। जेट एयरवेज की वित्तीय हालत लगातार खराब होती जा रही है।

Updated on: 03 Aug 2018, 12:08 PM

नई दिल्ली:

प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जेट एयरवेज किंगफ़िशर की राह पर चल पड़ी है। जेट एयरवेज की वित्तीय हालत लगातार खराब होती जा रही है। 

जेट ने अपने कर्मचारियों से कहा कि अगर खर्चे कम नहीं किये गए तो कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना मुश्किल हो जाएगा।

लागत कम करने के उपाय में सैलरी कटौती भी शामिल है। गिरती वित्तीय हालत के चलते जेट एयरवेज (Jet Airways) ने 25 प्रतिशत तक वेतन की कटौती का प्रस्ताव रखा, जिसे पायलट और इंजीनियर ने अस्वीकृत कर दिया है।

नरेश गोयल की अगुवाई वाली एयरलाइन Jet Airways में Gulf carrier Etihad की 24 फीसदी हिस्सेदारी है सूत्रों के मुताबिक, जेट एयरवेज पहले ही 25 प्रतिशत सैलरी में कटौती कर चुका है।

जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे के साथ पायलटों की बैठक हुई। इस दौरान पायलटों ने यह साफ़ कर दिया कि वेतन में कटौती का प्रस्ताव उन्हें स्वीकर नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो महीने और जेट एयरवेज को चलाना बेहद मुश्किल है।

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इसे चलाने के लिए कम खर्च के उपायों की जरूरत है। अगर ऐसा किया गया तभी दो महीने तक कंपनी चल पायेगी। इसके साथ ही कर्मचारियों की घबराहट बढ़ गई है।

जेट एयरवेज ने इस साल की शुरुआत में उड़ान के 25 साल पूरे किये है । 31 मार्च, 2018 को कंपनी में 16,558 स्थायी कर्मचारी थे। जेट एयरवेज में कुल 16,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। एयरलाइन की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 6,306 अस्थायी/आकस्मिक कर्मचारी थे।

2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ था।