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औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर घटी, 2.4 फीसदी तक पहुंची

देश के फैक्टरी उत्पादन में पिछले साल दिसंबर में गिरावट दर्ज की गई और इसकी वृद्धि दर 2.4 फीसदी पर रही

Updated on: 12 Feb 2019, 11:37 PM

नई दिल्ली:

देश के फैक्टरी उत्पादन में पिछले साल दिसंबर में गिरावट दर्ज की गई और इसकी वृद्धि दर 2.4 फीसदी पर रही. जबकि साल 2017 के इसी महीने में इसकी वृद्धि दर 7.3 फीसदी थी. हालांकि माह-दर-माह आधार पर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में समीक्षाधीन माह में बढ़ोतरी हुई है, जो कि नवंबर 2018 में 0.32 फीसदी थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "अप्रैल-दिसंबर 2018 तक की अवधि में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में संचयी वृद्धि दर में 4.6 फीसदी की वृद्धि हुई है." 

विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन घटने से देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर में 2018 के नवंबर में तेज गिरावट दर्ज की गई है, जो केवल 0.5 फीसदी रही. जबकि एक महीने पहले यह 8.4 फीसदी थी. वहीं, एक साल पहले की इसी अवधि में यह 8.5 फीसदी थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर नवंबर में घटकर 0.4 फीसदी रही, जबकि साल-दर-साल आधार पर इसमें 10.4 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी.

सीएसओ ने एक बयान में कहा, "आधार वर्ष 2011-12 के आधार पर 2018 के नवंबर का 'औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) सूचकांक का त्वरित अनुमान' 126.4 पर रहा, जो कि 2017 के नवंबर की तुलना में 0.5 फीसदी अधिक है."

बयान में कहा गया है, 'साल 2018 के अप्रैल-नवंबर की अवधि में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में संचयी विकास दर 5.0 फीसदी रही.' समीक्षाधीन माह में साल-दर-साल आधार पर खनन उत्पादन में 2.7 फीसदी की वृद्धि हुई और उपसूचकांक विद्युत उत्पादन में 5.1 फीसदी की वृद्धि हुई.

छह उपयोग आधारित वर्गीकरण समूहों में, प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में 3.2 फीसदी की वृद्धि हुई, जिसका औद्योगिक उत्पादन में 34.04 फीसदी भार है. इंटरमीडिएट वस्तुएं, जिसका सूचकांक में दूसरा सबसे अधिक भार है, उसमें 4.5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई.

इसी प्रकार से, उपभोक्ता गैर-टिकाऊं वस्तुओं में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट रही, जबकि उपभोक्ता टिकाऊं वस्तुओं में 0.9 फीसदी की गिरावट रही.

इसके अतिरिक्त, अवसंरचना या निर्माण वस्तुओं के उत्पादन में पांच फीसदी वृद्धि हुई और पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में 3.4 फीसदी की गिरावट हुई.