चौथी तिमाही में इकॉनमी में शानदार उछाल, काबू में घाटा- 2019 के GDP अनुमान पर सरकार कायम
2016-17 के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में गिरावट आई है। 2016-17 में भारत की जीडीपी 7.1 फीसदी थी, जो पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में लुढ़ककर 6.7 फीसदी हो गई।
highlights
- 2017-18 में घट गई भारतीय अर्थव्यवस्था की दर
- 2016-17 के 7.1 फीसदी के मुकाबले 6.7 फीसदी हुई जीडीपी
नई दिल्ली:
पिछले वित्त वर्ष (2017-18) की चौथी तिमाही में न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट शानदार रही है बल्कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को काबू में करने में सफल रही है।
मजबूत ग्रोथ रेट केे दम पर सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को पहले के ही स्तर पर बरकरार रखा है।
वित्त वर्ष 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 7.7 फीसदी रही, पिछली सात तिमाही में सबसे अधिक है।
मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सेवा क्षेत्र में जबरदस्त प्रदर्शन से ग्रोथ रेट को मजबूती मिली।
हालांकि वित्त वर्ष 2016-17 के 7.1 फीसदी के मुकाबले 2017-18 में जीडीपी कम होकर 6.7 फीसदी हो गई।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 'चौथी तिमाही में जीडीपी की दर 7.7 फीसदी रही। जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में यह दर क्रमश: 5.6, 6.3 और 7 फीसदी रही। कृषि (4.5 फीसदी), मैन्युफैक्चरिंग (9.1 फीसदी), कंस्ट्रक्शन (11.5 फीसदी) में शानदार ग्रोथ से तेजी आई।'
इससे पहले सबसे तेज ग्रोथ रेट 2016-17 के अप्रैल-जून तिमाही में 8.1 फीसदी दर्ज की गई थी।
पिछले वित्त वर्ष में नोटबंदी और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीडीपी) जैसे आर्थिक सुधारों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा लेकिन उसके बाद आई रिकवरी की गति शानदार रही है।
वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.7 फीसदी की दर से आगे बढ़ी, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की दर 6.1 फीसदी रही थी।
तिमाही आधार पर देखा जाए तो नोटबंदी और जीएसटी जैसे सुधारों की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद रिकवरी की रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ा है।
2017-18 की तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया था। चौथी तिमाही में यह दर बढ़कर 7.7 फीसदी हो गई।
वहीं 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी जबकि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रही।
पहली तिमाही में जीडीपी का ग्रोथ रेट पिछले तीन सालों का सबसे कमजोर ग्रोथ रेट था, हालांकि उसके बाद अर्थव्यवस्था में रिकवरी का दौर देखने को मिला, जो अभी तक जारी है।
वित्त वर्ष 2019 का ग्रोथ रेट अनुमान बरकरार
इसके साथ ही सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को बरकरार रखा है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'सरकार ने वित्त वर्ष 2019 के लिए 7.5 फीसदी के विकास दर के अनुमान को बरकरार रखा है।'
तेल की कीमतों में आई उछाल का ग्रोथ पर पड़ने वाले असर को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 3.5 फीसदी के लक्ष्य के भीतर रहेगा।
आंकड़ा जारी होने के बाद वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी की ग्रोथ रेट बताती है कि अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और वह मजबूत ग्रोथ रेट के लिए तैयार है।'
इसके साथ ही सरकार पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में सफल रही है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सराकर ने जीडीपी के मुकाबले 3.5 फीसदी घाटे का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा करने में सफलता मिली है।
मूडीज ने घटाया था ग्रोथ रेट का अनुमान
गौरतलब है कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपनी हालिया रिपोर्ट में मोदी सरकार को झटका देते हुए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर अनुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया था।
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में तेल की बढ़ती कीमतों और कठिन वित्तीय स्थितियों को कारण बताते हुए कहा था, 'तेल की ऊंची कीमतें और कठिन वित्तीय स्थितियां विकास की गति को प्रभावित कर रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि 2018 में विकास दर 7.3 फीसदी रहेगी, जो हमारे पिछले अनुमान 7.5 फीसदी से कम है।'
हालांकि मूडीज ने 2019 के लिए अपना अनुमान 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी के आने से विकास दर को अगली कुछ तिमाहियों में बढ़ावा मिलेगा, हालांकि इसका कुछ नकारात्मक असर भी देखने को मिल सकता है।
और पढ़ें: 2018-19 में चीन से मजबूत रहेगी भारतीय GDP, 7.6 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट: संयुक्त राष्ट्र
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह