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GST के साथ 'एक देश, एक कर, एक बाजार' बना भारत, पीएम मोदी ने बताया 'गुड एंड सिंपल टैक्स'

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की आधिकारिक लॉन्चिंग के साथ अब देश 'एक कर बाजार वाला देश' बन गया है। करीब डेढ़ तक चली लंबी राजनीतिक विचार प्रक्रिया के बाद जीएसटी को लागू कर दिया गया है।

Updated on: 01 Jul 2017, 12:44 AM

highlights

  • जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की आधिकारिक लॉन्चिंग के साथ अब देश 'एक कर बाजार वाला देश' बन गया है
  • करीब डेढ़ तक चली लंबी राजनीतिक विचार प्रक्रिया के बाद जीएसटी को लागू कर दिया गया है

नई दिल्ली:

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की आधिकारिक लॉन्चिंग के साथ अब देश 'एक कर बाजार वाला देश' बन गया है। करीब डेढ़ तक चली लंबी राजनीतिक विचार प्रक्रिया के बाद जीएसटी को लागू कर दिया गया है।

हालांकि जम्मू-कश्मीर में एक जुलाई से यह टैक्स नहीं लागू हो पाया है। जीएसटी को लागू किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। 

जीएसटी लॉन्चिंग से पहले देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कानून किसी एक दल या सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह देश की साझी विरासत है। पीएम ने जीएसटी के लिए सभी दलों को धन्यवाद देते हुए कहा इस एक कानून से देश का आर्थिक एकीकरण होगा।

जीएसटी को केंद्र और राज्य के बीच के बेहतर संबंधों की मिसाल बताते हुए उन्होंने कहा, 'जीएसटी सहयोगात्मक संघवाद की मिसाल है जो हमें हमेशा और अधिक साथ मिल कर चलने की ताकत देगा।'

मोदी ने कहा जीएसटी महज एक आर्थिक सुधार नहीं बल्कि सामाजिक सुधार साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा, 'जीएसटी गुड्स एंज सर्विस टैक्स नहीं बल्कि गुड एंड सिंपल टैक्स है।'

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उन्होंने कहा, 'आज एक नई व्यवस्था के लिए जीएसटी के रूप में इस पवित्र स्थान से बढ़कर कोई और स्थान नहीं हो सकता।' जीएसटी को संसद के केंद्रीय भवन से लॉन्च किया गया है। संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के संविधान को मंजूरी दी गई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'अब देश में गंगानगर से इटानगर और लेह से लक्षद्वीप तक एक टैक्स होगा।' जीएसटी ने देश में 16 अप्रत्यक्ष करों की जगह ली है। जीएसटी की लॉन्चिंग से कुछ घंटो पहले ही जीएसटी काउंसिल की 18 वीं बैठक में दो अहम फैसले लिए गए।

खाद की दरों को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किए जाने के साथ ही जीएसटी काउंसिल ने ट्रैक्टर के विशेष उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी दर को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया।

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प्रधानमंत्री ने इस काउंसिल की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, 'यह महज संयोग ही है गीता के 18 अध्याय थे और जीएसटी शुरू होने से पहले जीएसटी काउंसिल की 18 बैठक हुई है।' पीएम ने कहा जीएसटी के लागू होने के बाद विदेशी निवेशकों को कर झंझटों से मुक्त करेगा और भारत दुनिया में निवेश के लिए सबसे मुफीद जगह बनकर उभर कर सामने आएगा।

इस मौके पर मंच पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के साथ पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा मौजूद रहे। कांग्रेस के समारोह का बहिष्कार किए जाने की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री और मशहूर अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह इस मौके पर समारोह में शामिल नहीं हुए।

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